कम्पनी समाचार (Industry News)

जे यू एग्री के चार उत्पाद दमदार, करे फसल सुरक्षा, बढ़ाए पैदावार

08 अगस्त 2025, इंदौर: जे यू एग्री के चार उत्पाद दमदार, करे फसल सुरक्षा, बढ़ाए पैदावार – देश की प्रसिद्ध कम्पनी जेयू एग्री साइंसेस प्रा. लि. के  नई तकनीक पर आधारित आधुनिक पेटेंटेड  चार उत्पाद अयाका, निंजीत्सु, एज़ोलेन और ट्रिसटॉन न केवल फसलों को अनेक प्रकोप से बचाते हैं , बल्कि फसलों का उत्पादन बढ़ाने में भी मदद करते हैं। आइए , जानते हैं इन चार दमदार उत्पादों की  विशेषताओं के बारे में।

अयाका: अयाका की ‘Quadforce’ अनोखी तकनीक इसे अन्य उत्पादों से अलग और अधिक असरदार बनाती है। अयाका तीन कॉन्बिनेशन वाला ऐसा प्रोडक्ट है, जिसके  कॉन्बिनेशन आपस में मिलकर ;सिनर्जिस्टिक प्रभाव के कारण चार-गुना असर दिखाते हैं। अयाका स्पर्शजन्य और पेट के जहर के माध्यम से इल्ली कीटों में प्रवेश करता है और एक से अधिक तरीकों से इल्लियों के नर्वस सिस्टम पर अटैक करता है। इन्हीं विशेषताओं के कारण, इल्लियों पर प्रभावशाली नियंत्रण मिलता है।  अयाका के  क्विक-एक्शन  फॉर्मूले से प्रयोग के 24 -48  घंटों  में असर दिखना शुरू हो जाता है। अयाका, इल्लियों के जीवन चक्र को बाधित कर देता है, जिससे लंबे समय तक  इल्लियों  पर नियंत्रण मिलता है।  फसल को सुरक्षित रखने और अधिक उत्पादन पाने के लिए अयाका  किसानों के लिए मददगार साबित हो रहा है। अयाका का प्रयोग छिड़काव/स्प्रे के माध्यम से किया जा सकता है। अयाका का प्रयोग 300 मि.ली प्रति एकड़ की अनुशंसित  मात्रा में 200 लीटर पानी के घोल में मिलाकर किया जाना चाहिए।

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एज़ोलेन: यह भी आधुनिक और शोध-आधारित उत्पाद है, जिसमें तीन प्रभावी संयोजन  एज़ोक्सीस्ट्रोबिन 7.5%, टेबुकोनाज़ोल 12%, और आइसोप्रोथियोलेन 12% एसई हैं । यह एक सिस्टेमिक और ट्रांसलैमिनार फफूंदनाशक है, जो फसलों में फफूंद से लड़ने के लिए व्यापक स्पेक्ट्रम नियंत्रण प्रदान करता है। एज़ोलेन, फसल में लगी फफूंद को खत्म करके या उसके फैलाव को रोककर लंबे समय तक सुरक्षा देता है, जिससे फसल की पैदावार और गुणवत्ता में सुधार होता है। एज़ोलेन के उपयोग का असर 24 से 48 घंटों के भीतर दिखना शुरू हो जाता है। फसल को सुरक्षित रखने एवं उत्पादन बढ़ाने में एज़ोलेन  एक बेहतर विकल्प है।  एज़ोलेन का प्रयोग छिड़काव के माध्यम से किया जाना चाहिए। इसकी अनुशंसित मात्रा 300 मिलीलीटर प्रति एकड़ है, जिसे 200 लीटर पानी के घोल में मिलाकर इस्तेमाल करना चाहिए।

निंजीत्सु: आधुनिक और शोध-आधारित उत्पाद निंजीत्सु में तीन शक्तिशाली तत्व  थियामेथोक्सम 1.25%, फिप्रोनिल 1.25%, और क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 0.6% जीआर शामिल हैं  । यह अनूठा संयोजन सिस्टेमिक, स्पर्श दोनों तरीकों से कीटों पर कई तरह से काम करता है, उनके तंत्रिका तंत्र और मांसपेशियों पर हमला करता है। निंजीत्सु, कीटों पर प्रभावशाली और लंबे समय तक नियंत्रण प्रदान करता है।  इसका असर 24 से 48 घंटों के भीतर दिखना शुरू हो जाता है।  फसल को सुरक्षित रखने और अधिक उत्पादन पाने की चाहत रखने वाले किसानों के लिए, निंजीत्सु निश्चित रूप से एक सहायक साबित हो रहा है। निंजीत्सु का प्रयोग छिड़काव के माध्यम से किया जाना चाहिए, जिसकी अनुशंसित मात्रा 2 किलो प्रति एकड़ है।

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ट्रिसटॉन: शोध-आधारित उत्पाद  ट्रिसटॉन में भी तीन शक्तिशाली तत्व  डाइनोटेफ्यूरॉन 12%, थियामेथोक्सम 22.5%, और पाइमेट्रोज़िन 30% WG  शामिल हैं।  इसकी  ‘TriTech Power ‘ नामक अनोखी तकनीक इसे दूसरे उत्पादों से बेहतर और ज़्यादा असरदार बनाती है। यह संयोजन सिस्टेमिक, स्पर्शजन्य और ट्रांसलमिनार तरीकों से कीटों में प्रवेश करता है, जिससे यह उनके नर्वस सिस्टम और मांसपेशियों पर कई तरह से हमला करता है। इन्हीं खासियतों की वजह से, ट्रिसटॉन के इस्तेमाल से फुदका कीटों पर असरदार और लंबे समय तक नियंत्रण मिलता है।  इसका प्रत्यक्ष लाभ  फसल की पैदावार और गुणवत्ता में सुधार के रूप में  दिखाई देता है। ट्रिसटॉन का उपयोग स्प्रे के माध्यम से किया जाता है। इसकी अनुशंसित मात्रा 140 ग्राम प्रति एकड़ है, जिसे 200 लीटर पानी के घोल में मिलाकर इस्तेमाल करना चाहिए।

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