जैविक उत्पादों के प्रति किसानो में विश्वास जगाया ट्रॉपिकल ने
श्री वी. के. झंवर, संस्थापक एवं चेयरमैन एमेरिटस ट्रॉपिकल एग्रो सिस्टम्स के साथ विशेष बातचीत
03 जनवरी 2025, नई दिल्ली: जैविक उत्पादों के प्रति किसानो में विश्वास जगाया ट्रॉपिकल ने – 1965 में स्थापित, ट्रॉपिकल एग्रो सिस्टम्स ने भारत के कृषि रसायन और जैविक उत्पाद क्षेत्रों में अग्रणी भूमिका निभाई है। कृषक जगत के आंग्ल प्रकाशन ‘ग्लोबल एग्रीकल्चर’ के संपादक निमिष गंगराड़े के साथ एक विशेष बातचीत में, ट्रॉपिकल एग्रो के दूरदर्शी संस्थापक श्री वी. के. झंवर ने कंपनी की परिवर्तनकारी यात्रा, भविष्य की रणनीतियों और भारतीय कृषि पर इसके प्रभाव पर विस्तार से चर्चा की।
ट्रॉपिकल एग्रो सिस्टम्स की व्यवसायिक पृष्ठभूमि और सफर
ट्रॉपिकल एग्रो सिस्टम्स ने 1965 में कृषि रसायनों के निर्माण के साथ अपनी यात्रा शुरू की, और इसके उत्पादों का विपणन शॉ वॉलेस द्वारा किया जाता था। 1979 में, श्री झंवर ने शॉ वालेस कंपनी का अधिग्रहण किया, जब इसका वार्षिक कारोबार रु. 60 लाख था I
कंपनी का वास्तविक रूपांतरण 1983-84 में शुरू हुआ, जब ट्रॉपिकल एग्रो ने अपने उत्पादों का विपणन स्वयं करना शुरू किया। 1988 तक, कंपनी ने उत्तर भारत में अपनी उपस्थिति का विस्तार किया और 2002-03 में जेयू एग्रीसाइंसेस का अधिग्रहण कर गाजियाबाद में एक उत्पादन इकाई को अपने पोर्टफोलियों में जोड़ा गया।
2012 में, कंपनी ने जैविक उत्पाद बाजार में कदम रखा, जो उस समय एक साहसिक कदम था, क्योंकि ऐसे उत्पादों की मांग कम थी। कृषि रसायनों के विपरीत, जैविक उत्पादों के लाभ फसल की अंतिम स्थिति में दिखाई देते हैं। किसानों के बीच विश्वास जमाने के लिए, कंपनी ने किसानों के खेतों में बड़े पैमाने पर मुफ्त प्रदर्शन कार्यक्रम आयोजित किए और किसी भी नुकसान के लिए मुआवजे का आग्रासन दिया। यह रणनीति सफल रही, क्योंकि किसानों ने 10-12% उपज वृद्धि देखी और कोई मुआवजा भी नहीं देना पड़ा। 2014-15 तक, जैविक उत्पाद बिक्री का केवल 1.5% हिस्सा थे। आज, यह पोर्टफोलियो का 20 प्रतिशत है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में, ट्रॉपिकल एग्रो ने रु.1,300 करोड़ का कारोबार किया, जबकि जेयू एग्रीसाइंसेस ने रु. 1,000 करोड़ जोड़े।
ट्रॉपिकल एग्रो और जेयू एग्रीसाइंसेस के कुल आकार और समूह के लाभ पर
दोनों संस्थाएँ झंवर समूह के अंतर्गत आती हैं। एक समूह के रूप में संचयी रूप से, हम वित्त वर्ष 2023-24 में भारतीय कंपनियों में दूसरे स्थान पर रहे और वित्त वर्ष 2024-25 तक शीर्ष स्थान हासिल करने का लक्ष्य रखते हैं। दोनों संस्थाओं के लिए अलग-अलग टीमों और वितरण नेटवर्क को बनाए रखने से समूह को हितों के टकराव से बबने और अधिकतम बाजार कवरेज सुनिश्चित करने में मदद मिलती है। वित्त वर्ष 2023-24 में, ट्रॉपिकल एग्रो और जेयू एग्रो साइंसेज का संयुक्त कारोबार रु. 2,300 करोड़ राहा।
श्री झंवर के मुताबिक वित्त वर्ष 2024-25 के लिए, ट्रॉपिकल एग्रो का लक्ष्य ब्रांड व्यवसाय में रु.1,600 करोड़ और B2B बिक्री में रु. 100 करोड़ हासिल करना है, जबकि एपीसाइंसेज का लक्ष्य ब्रांड व्यवसाय में रु. 750-रु. 800 करोड़ और B2B में रु. 400 करोड़ है। समूह को उम्मीद है कि कुल मिलाकर यह 2,800-2,900 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा। कंपनी पोर्टफोलियी में 40% कीटनाशक, 20% कवकनाशी, 20% शाकनाशी और 20% जैविक पदार्थ शामिल हैं।
विलय के बाद कंपनी की प्राथमिक रणनीतिक प्राथमिकताओं पर
झंवर समूह की प्राथमिकताओं को सिलसिलेवार रखते हुए श्री शंकर जैविक उत्पाद निर्माण को शीर्ष पर रखते हैं। इसके विस्तार में जाते हुए आपका कहना है कि कंपनी के प्रोपेल जैसे उत्पाद मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने और पराली जलाने की समस्या को हल करने में मदद करते हैं। यह उत्पाद आंध्र प्रदेश में लोकप्रिय हो रहा है और कंपनी इस वर्ष 200 टन बेचने की योजना बना रही है। दूसरा क्रम फसल पोषण उत्पादों का है, जो 20-25% उपज वृद्धि की गारंटी देते हैं। कंपनी इस खंड में नए उत्पाद पेश कर रही है। साथ ही विशिष्ट उर्वरक निर्माण एवं विपणन पर भी कंपनी का ध्यान केंद्रित है। कंपनी वर्तमान में मिस्र से आयातित फोलियर उर्वरक बेच रही है और भारत के लिए सर्वोत्तम उत्पाद पेश करने की योजना बना रही है।
बाजार नेतृत्व बनाए रखने के लिए समूह की निवेश योजनाएं
समूह के विस्तारीकरण और निवेश पर श्री झंवर ने बताया ट्रॉपिकल एग्री के चेन्नई, गाजियाबाद और सिकंदराबाद में उत्पादन संयंत्र हैं। 2026 तक पश्चिम बंगाल के खड़गपुर में रु. 50 करोड़ के निवेश से नया संयंत्र उत्पादन शुरू करेगा। गुजरात में एक नई फैक्ट्री स्थापित करने को भी योजना है। जैविक उत्पादों के लिए कोयंबटूर और बेंगलुरु में निर्माण सुविधाएं हैं।
घरेलू और निर्यात व्यवसाय में कंपनी का योगदान और विकास के प्रमुख क्षेत्र
घरेलू बाजार में, पश्चिम बंगाल की हिस्सेदारी सबसे अधिक है, जहां बिक्री रु. 200 करोड़ है। कंपनी पूर्वोत्तर राज्यों में भी विस्तार कर रही है और वहां बाजार में अग्रणी बनने का लक्ष्य रखती है। निर्यात के क्षेत्र में, जेयू एग्रीसाइंसेस रु. 25 करोड़ का योगदान करता है, जबकि ट्रॉपिकल एग्रो जैविक उत्पादों के निर्यात व्यवसाय को बड़ा रहा है। कंपनी जिम्बाब्वे और ब्राजील को निर्यात शुरू कर चुकी है और रवांडा में एक नई इकाई पंजीकृत करने की प्रक्रिया में है।
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