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सरकार ने तय किए उर्वरक कंपनियों के प्रॉफिट मार्जिन; किसानों का होगा लाभ

30 जनवरी 2024, नई दिल्ली: सरकार ने तय किए उर्वरक कंपनियों के प्रॉफिट मार्जिन; किसानों का होगा लाभ – केंद्र सरकार ने गैर-यूरिया उर्वरकों की कीमते तय कर दी हैं। इस कदम के बाद कंपनियां न्यूट्रिएंट बेस्ड सब्सिडी (NBS) स्कीम के तहत आने वाले उर्वरकों पर मनमानी कीमते नहीं वसूल पांएगे। इससे उम्मीद हैं कि इन उर्वरकों की कीमते कम होगी और किसानों का इसका लाभ मिलेगा।

गैर-यूरिया उर्वरकों में अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी), म्यूरेट ऑफ पोटाश (एमओपी) और दूसरे अन्य उर्वरक शामिल हैं। इन उर्वरकों को एनबीएस स्कीम के तहत सब्सिडी दी जाती हैं। सरकार इस पर प्रति टन के हिसाब से सब्सिडी देती है। इन उर्वरकों की कीमतें तय करने का अधिकार उर्वरक कंपनियों का होता हैं। लेकिन सरकार ने अब इन फर्टिलाइजरों के लिए उर्वरक कंपनियों के उचित मुनाफे की सीमा तय कर दी हैं।

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उर्वरक विभाग ने जारी किए दिशानिर्देश

इस संबंध में उर्वरक विभाग द्वारा 18 जनवरी को एनबीएस के तहत कवर किए गए सभी गैर-यूरिया उर्वरकों के लिए एमआरपी की “उचितता” के मूल्यांकन के लिए विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए हैं। इन दिशानिर्देशों को 1 अप्रैल 2023 से लागू किया जाएगा।

इस ज्ञापन के अनुसार, फर्टिलाइजर को अधिकतम 8%, मैन्युफैक्चरर कंपनियों के लिए 10% और इंटिग्रेटेड मैन्युफैक्चरर कंपनियों के लिए 12% मुनाफे की सीमा तय की गई हैं। इसके अलावा, उर्वरक कंपनियों को अपने मुनाफे का आकलन कॉस्ट ऑडिट रिपोर्ट और कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर द्वारा मंजूर कॉस्ट डाटा के आधार पर करना होगा।

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तय सीमा से अधिक मुनाफे पर देना होगा ब्याज

इस ज्ञापन में कहा गया हैं कि कंपनियों द्वारा कमांए गए गैर-वाजिब मुनाफे को 10 अक्टूबर तक उर्वरक विभाग को लौटाना होगा। अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया तो उन्हें सालाना 12 प्रतिशत के हिसाब से ब्याज देना होगा। इस ब्याज को अगले वित्त वर्ष से लागू किया जायेगा। सरकार इस अनुचित मुनाफे को बाद में उर्वरक सब्सिडी के खाते से काट लेगी। इसके साथ ही डीओपी और एमओपी के अधिकतम खुदरा मूल्य पर 2 प्रतिशत की डीलर मार्जिन कटौती दी जाएगी। बाकि उर्वरकों के लिए 4 प्रतिशत की डीलर मार्जिन रहेगी।

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नीम-कोटिंग यूरिया पर 5 फीसदी अतिरिक्त चार्ज

उद्योग सूत्रों के अनुसार, नए दिशानिर्देश मूल रूप से यूरिया पर वर्तमान में लागू विस्तृत लागत निगरानी और मूल्य नियंत्रण की व्यवस्था को अन्य उर्वरकों तक विस्तारित करते हैं। 1 नवंबर 2012 से यूरिया की एमआरपी 5,360 रुपये प्रति टन है। इसमें सिर्फ एक बदलाव यह हुआ है कि कंपनियों को यूरिया की नीम-कोटिंग के लिए 5% अतिरिक्त (268 रुपये) चार्ज करने की अनुमति दी गई है, जिसे 25 मई 2015 से अनिवार्य कर दिया गया है।

गैर-यूरिया उर्वरकों की कीमतें

सूत्रों के मुताबिक, सरकार विनियंत्रित उर्वरकों की कीमतों को परोक्ष रूप से नियंत्रण के दायरे में लाने का प्रयास कर रही हैं। पहले ही अनौपचारिक निर्देश के तहत डीएपी के लिए एमआरपी 27,000 रुपये प्रति टन, एमओपी के लिए 33,100 रुपये प्रति टन, एनपीके के लिए 29,400 रुपये और एनपीकेएस फर्टिलाइजर्स के लिए 25,000 रुपये फिक्स किया है।

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