यूरिया संकट से जूझ रहे किसान
(राजीव कुशवाह, नागझिरी)। गेहूं की बोवनी के पश्चात् क्षेत्र के किसानों को सहकारी संस्थाओं से रसायनिक उर्वरक का नहीं मिलना परेशानी का सबब बनता जा रहा है। खेत के काम छोड़कर किसानों को खाद के लिए कतारों में लगना पड़ रहा है। नकद में भी खाद नहीं मिल रहा है। समय पर खाद नहीं मिलने से गेहूं के पौधों की वृद्धि रुक गई है।
इस बारे में क्षेत्र के किसान श्री मोहन कुशवाह, श्री बलिराम घामंडे, श्री छगन कुशवाह और श्री लालाराम सोलंकी ने बताया कि किसान खेती के काम और सिंचाई को छोड़कर यूरिया एवं पोटाश के लिए कतारों में लगने को मजबूर हैं। समय पर खाद नहीं मिलने से गेहूं के पौधों की वृद्धि रुक गई है। खरीफ में अतिवृष्टि से जलभराव वाले इलाकों में गेहूं की फसल बर्बाद होने पर दुबारा बोवनी करनी पड़ी। चने के बीज की भी किल्लत सामने आई है। कुछ किसानों ने यूरिया खाद की कालाबाजारी करने के भी आरोप लगाए हैं। किसानों ने यूरिया खाद की उपलब्धता समय पर करने की मांग की है।