कम्पनी समाचार (Industry News)

धानुका एग्रीटेक ने लॉन्च किया धान की फसल के लिए नया खरपतवारनाशी ‘दिनकर’

21 मई 2025, तिरुपति, आंध्र प्रदेश: धानुका एग्रीटेक ने लॉन्च किया धान की फसल के लिए नया खरपतवारनाशी ‘दिनकर’ – धानुका एग्रीटेक लिमिटेड ने धान की रोपित फसल के लिए विशेष रूप से विकसित अपना नया खरपतवारनाशी उत्पाद ‘दिनकर’ लॉन्च किया है। यह उत्पाद उन किसानों के लिए एक बड़ी राहत के रूप में प्रस्तुत किया गया है जो फसल की शुरुआती अवस्था में लगातार खरपतवार की समस्याओं और उनसे जुड़ी लागत से जूझते हैं।

तिरुपति में आयोजित लॉन्च कार्यक्रम में भारत और जापान के प्रमुख गणमान्य अतिथि शामिल हुए। होक्को केमिकल इंडस्ट्री कंपनी लिमिटेड, जापान से श्री शिनिची हायकावा (वरिष्ठ प्रबंध निदेशक) और श्री कोईची ओगिता (अंतरराष्ट्रीय बिक्री प्रबंधक) मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे। यह भागीदारी दर्शाती है कि ‘डिनकर’ एक वैश्विक नवाचार का परिणाम है। इस नए सूत्रीकरण को विकसित करने में होक्को केमिकल और धानुका ने मिलकर कार्य किया है।

किसानों की जरूरतों के अनुरूप नवाचार

कार्यक्रम में बोलते हुए श्री राहुल धानुका (प्रबंध निदेशक, धानुका एग्रीटेक) ने कहा कि “डिनकर सिर्फ एक नया उत्पाद नहीं है, बल्कि यह हमारे देश के धान उत्पादक किसानों की कठिनाइयों को समझने और हल करने की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। हम जिद्दी खरपतवार से लेकर मजदूरों की कमी तक, किसानों की वास्तविक चुनौतियों को हल करने पर ध्यान दे रहे हैं।”

दिनकर को होक्को जापान की ट्रायाजोलिनोन रासायनिक तकनीक इपफेनकारबाजोन से विकसित किया गया है, जो ACCase एंजाइम को अवरुद्ध करता है। यह एंजाइम खरपतवारों में वसा अम्लों के निर्माण में प्रमुख भूमिका निभाता है। इस जैव-रासायनिक क्रिया को अवरुद्ध करके, डिनकर खरपतवार की कोशिकाओं को नष्ट करता है और उन्हें अंकुरित होने से पहले ही नियंत्रित करता है।

लंबे समय तक और व्यापक नियंत्रण

धनुका में हर्बीसाइड पोर्टफोलियो प्रबंधक श्री अमित मिश्रा ने बताया कि डिनकर कुछ सबसे हानिकारक और उपज को नुकसान पहुंचाने वाले खरपतवारों पर लंबी अवधि और व्यापक नियंत्रण प्रदान करता है। इसमें शामिल हैं – इचिनोक्लोआ क्रूसेगली (बार्नयार्ड ग्रास), लुडविगिया पार्विफ्लोरा, एक्लिप्टा अल्बा, अमैनिया बैकिफेरा, और नलीदार घास जैसे साइपेरस इरिया व साइपेरस डिफॉर्मिस। यह नियंत्रण लगभग 45 से 50 दिनों तक बना रहता है, जिससे बार-बार दवा छिड़काव की आवश्यकता घटती है और किसानों की कुल लागत में कमी आती है।

कार्यक्रम में आंध्र प्रदेश के राजामुंद्री के प्रगतिशील किसान श्री श्रीनिवास ने अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि दिनकर के उपयोग से उनके खेतों में खरपतवार लगभग पूरी तरह समाप्त हो गए और मेहनत भी कम लगी। इसका सीधा असर उनकी फसल की संभावना और आत्मविश्वास पर पड़ा।

फसल की सुरक्षा और मजदूरी की बचत

दिनकर की एक खास बात इसकी फसल-सुरक्षा क्षमता है। यह केवल खरपतवारों को निशाना बनाता है, जबकि धान की फसल को नुकसान नहीं पहुंचाता। इससे फाइटोटॉक्सिसिटी यानी फसल पर दवा के दुष्प्रभाव का जोखिम न के बराबर होता है। साथ ही, कम खरपतवार होने के कारण खेतों में हवा और प्रकाश का संचार बेहतर होता है, जिससे फफूंद और कीटों के संक्रमण का खतरा भी घटता है।

सहज और आसान छिड़काव विधि

दिनकर का छिड़काव करना सरल है। अनुशंसित मात्रा 200 मिली प्रति एकड़ है, जिसे रोपाई के 0 से 3 दिन के भीतर प्रयोग करना चाहिए। इसे बालू या खाद में मिलाकर खेत में छिड़काव किया जाना चाहिए। दवा के बेहतर अवशोषण के लिए खेत में कम से कम 2-3 इंच पानी रोपाई के बाद 5 दिनों तक बना रहना आवश्यक है।

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.en.krishakjagat.org

Advertisements