कोरोमंडल का ग्रोप्लस: मूंग उत्पादकों को बनाए मालदार
08 मार्च 2025, इंदौर: कोरोमंडल का ग्रोप्लस: मूंग उत्पादकों को बनाए मालदार – देश की अग्रणी कृषि समाधान प्रदाता कम्पनी कोरोमंडल इंटरनेशनल लि के सभी उत्पाद गुणवत्तापूर्ण होने से किसानों में बहुत लोकप्रिय है। ऐसे ही पांच अमूल्य पोषक तत्वों कैल्शियम, फास्फोरस ,सल्फर ,ज़िंक और बोरान से निर्मित उत्पाद ग्रो प्लस, मूंग की फसल के लिए सर्वोत्तम उर्वरक है, जिसे उन्नत तकनीक से तैयार किया गया है। ग्रोप्लस से सभी ज़रूरी पोषक तत्वों का अवशोषण होने से मूंग की फसल में अधिकतम उपज प्राप्त होती है ।
मूंग फसल की ज़रूरत – मूंग का अच्छा उत्पादन प्राप्त करने के लिए मूंग की फसल में सही मात्रा में नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश के साथ-साथ सूक्ष्म पोषक तत्वों की भी आवश्यकता होती है। हालांकि डीएपी का उपयोग नाइट्रोजन और फास्फोरस की पूर्ति के लिए किया जाता है, लेकिन इससे अन्य पोषक तत्व उपलब्ध नहीं हो पाते हैं, जबकि पांच तत्वों वाला ग्रोप्लस मूंग फसल के लिए एक बेहतर विकल्प साबित होता है , क्योंकि इसमें फास्फोरस के अलावा सल्फर और कैल्शियम जैसे पोषक तत्वों के साथ -साथ बोरान और ज़िंक जैसे सूक्ष्म पोषक तत्वों की मौजूदगी मूंग फसल को पूर्ण पोषकता प्रदान करती है।
मूंग फसल के लिए ग्रोप्लस अच्छा विकल्प क्यों है ? – आधुनिक तकनीक से निर्मित ग्रोप्लस मूंग फसल के लिए फास्फोरस को अधिक सुलभ बनाता है। ग्रोप्लस पौधों को प्रमुख पोषक तत्वों के अलावा द्वितीयक और सूक्ष्म पोषक तत्व जैसे कैल्शियम, सल्फर, बोरान और ज़िंक भी प्रदान करता है। ग्रोप्लस, मिट्टी की गुणवत्ता और पी एच में भी सुधार लाता है। इसके अलावा जड़ तंत्र में पोषक तत्वों की उपलब्धता भी बढ़ाता है , इसलिए यह मूंग फसल के लिए एक अच्छा विकल्प साबित होता है।
मूंग की फसल में पोषक तत्वों की भूमिका – पांच अमूल्य पोषक तत्वों कैल्शियम, फास्फोरस ,सल्फर , ज़िंक और बोरान से निर्मित ग्रो प्लस की मूंग की फसल में क्या भूमिका होती है, इसे जाने बिना ग्रो प्लस की महत्ता पता नहीं लगेगी। आइये , इसे विस्तार से जानते हैं –
कैल्शियम – कैल्शियम की ज़रूरत पौधे में कोशिका विभाजन और कोशिका भित्ति की मजबूती के लिए पड़ती है।कैल्शियम , प्रोटीन बनाने के लिए आवश्यक रूप से नाइट्रेट ,नाइट्रोजन को परिवर्तित करने में मदद करने के साथ ही विकास को गति और निरंतरता देने के लिए कई एंजाइम प्रणाली को सक्रिय करता है।
फास्फोरस– फास्फोरस , जड़ों के विकास, फूलों के निर्माण और बीज उत्पादन के लिए एक अहम पोषक तत्व है , जो फसल को त्वरित और एक समान परिपक्व बनाता है। यह पौधों की वृद्धि और शाखाओं के लिए तो आवश्यक होता ही है , डीएनए का प्रमुख घटक होने से प्रजनन करने के लिए भी आवश्यक है। वस्तुतः यह एक ऐसा महत्वपूर्ण घटक है, जो ऊर्जा हस्तांतरण , कोशिकाओं में उत्पार्जित ऊर्जा के संरक्षण और उपयोग करने की अनुमति देता है।
सल्फर – सल्फर, अमिनो एसिड के गठन और प्रोटीन के उत्पादन में महत्वपूर्ण होता है। यह प्रकाश संश्लेषण और कई एंजाइमों को सक्रिय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। दलहनी फसलों में नत्रजन के स्थिरीकरण के लिए सल्फर बहुत ज़रूरी होता है।
बोरान – बोरान , कोशिका भित्ति के निर्माण और स्थिरता ,जैविक झिल्ली प्रजनन संरचनाओं की संरचनात्मक और कार्यात्मक अखंडता के रखरखाव में मदद करता है। यह दलहनी फसलों में प्रभावी नाइट्रोजन स्थिरीकरण और जड़ों में ग्रंथियों के निर्माण के लिए आवश्यक है और कैल्शियम की उपयोगिता बढ़ाने में भी मदद करता है। यह पौधों के बढ़ते हिस्सों में ऊर्जा के स्थानांतरण , परागण, बीज निर्माण और वजन के साथ ही फसल की गुणवत्त्ता के लिए आवश्यक है।
ज़िंक – ज़िंक , पौधों में हार्मोन विनियमन और प्रोटीन संश्लेषण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। प्रतिन की मात्रा बढ़ाने में प्रभावी ज़िंक दानों के निर्माण और भराव के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। फूल के दौरान यह फली में बीजों की संख्या बढ़ाने में भी मदद करता है। पौधे की शुरूआती अवस्था में जड़ों का गठन , अधिक जड़ें ,पौधों को अधिक पानी और अधिक पोषक तत्वों को खोजने की क्षमता देता है।
मूंग की फसल में ग्रो प्लस की मात्रा – पोषक तत्वों की मात्रा – नाइटोजन 8 , फास्फोरस 16 और पोटाश 8 किग्रा /एकड़ की दर से देना चाहिए। उर्वरक की मात्रा -यूरिया 18 ,ग्रोप्लस 100 और एमओपी 13 किग्रा /एकड़ की दर से देना चाहिए। अधिक उपज के लिए एक बैग डीएपी की जगह 3 बोरी ग्रोप्लस और 20 किग्रा यूरिया का उपयोग करें।
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