उद्यानिकी (Horticulture)

‘नूरजहां’ है आमों की रानी, पेड़ पर ही हो रही बुकिंग

8 जून 2021, अलीराजपुर ।नूरजहां’ है आमों की रानी , पेड़ पर ही हो रही बुकिंग – फलों का राजा कौन ? यह प्रश्‍न सुनते ही हर किसी की जुबान पर फलों का राजा आम का नाम ध्‍यान में आता है । यहां तक कि देश भर में अलग-अलग किस्‍म की वैरायटी के आम होते हैं और उनको पसंद करनेवाले ही इसी तरह से अलग-अलग होते हैं। ऐसा बहुत कम होता है कि आम की वैरायटी सभी के मन को समान रूप से भाए । लेकिन यह जो आम ”नूरजहां” है  वह अंदर ही इतने अधिक गुण समेटे हुए है कि उसे एक बार में ही सभी पसंद करते हैं।

मध्य प्रदेश के अलीराजपुर जिले में होता है ये खास आम

दरअसल,  तेज़ गर्मी में ”नूरजहां” आम का स्वाद इसके हर पसंद करने वाले को तरोताजा कर देता है। आमों की ‘मल्लिका-ए-हुस्न’ के रूप में मशहूर ”नूरजहां” किस्म एक ऐसा ही खास आम है। इस आम की खासियत ऐसी होती है कि फल लगते ही प्रति आम के हिसाब से इसकी पेड़ पर ही बुकिंग हो जाती है ।  मध्य प्रदेश के अलीराजपुर जिले में बहुतायत में लगनेवाले इस आम ”नूरजहां” की बाजार डिमांड को इससे भी आप समझ सकते हैं कि यह  आम 500 नहीं बल्कि एक हजार किलो तक में इस गर्मी के सीजन में बाजार में जाता है और विदेश के कई मुल्‍कों में यह इससे भी कई गुना महंगी कीमत में भेजा जाता है।

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एक आम 3.5 किलोग्राम तक

 ”नूरजहां” के बाग को अपने खेतों में प्रमुखता से लगानेवाले कृषक शिवराज सिंह बताते हैं कि ‘नूरजहां’ फल के अनुरूप मौसम होने की वजह से इस आम का आकार भी काफी बड़ा होता है। जहां इसका आकार इसकी खासीयत बताता है वहीं, इसका स्‍वादिष्‍ट रस सभी को बार-बार इसके स्‍वाद को चखने के लिए प्रेरित बनाता है। इसके इसी स्‍वाद के आनन्‍द के कारण ही लोग इस आम को टूटने के पहले ही पेड़ पर बुक कर देते हैं, जिसके कि हमारी ओर से किसी अन्‍य को ना देते हुए उन्‍हें ही पहले दे दिया जाए जिन्‍होंने इसे बुक किया है। शिवराज सिंह जाधव का कहना यह भी है कि मध्य प्रदेश और गुजरात के आम प्रेमियों ने इन आमों की बुकिंग कर दी है। इस वक्त एक  ”नूरजहां”आम का वजन दो किलो से लेकर 3.5 किलोग्राम तक है।

”नूरजहां” अफगान मूल का है

किसान शिवराज सिंह  कहते हैं कि बताया जाता है कि  ”नूरजहां” अफगान मूल का आम है। इसकी पैदावार सिर्फ अलीराजपुर के कट्ठीवाड़ा क्षेत्र में ही होती है। यह इलाका गुजरात सीमा से लगा हुआ है और यहां की जो मिट्टी है उसकी खास तारीर के कारण से यह आम अपने आप में विशेष आकार एवं स्‍वादवाला हो जाता है।

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”नूरजहां” का एक पेड़ ही बना देता है लखपति

बतादें कि शिवराज सिंह जाधव यहां पर ”नूरजहां” आम के तीन पेड़ों के मालिक हैं । उनके बगीचे  में तीन ही पेड़ हैं और इनपर 250 आम आए हैं। एक आम की कीमत बाजार में 500 से लेकर 1000 रुपए तक है। पेड़ पर आए इन सभी आमों की बुकिंग भी पहले ही हो चुकी है। इसी से आप सहज अंदाज लगा सकते हैं कि इन आम के तीन पेड़ों से ही वे हर साल लाखों रुपए कमा लेते हैं और समृद्ध किसानों में गिने जाते हैं।

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आते हैं इस आम के बौर जनवरी-फरवरी में

उनकी तरह ही कट्ठीवाड़ा में इस आम की बागवानी के विशेषज्ञ के रूप में अपना स्‍थान रखनेवाले इशाक मंसूरी कहते हैं कि पेड़ों पर आमतौर पर जनवरी-फरवरी से बौर आने शुरू होते हैं और इसके फल जून की शुरुआत में पककर फल के रूप में बिक्री के लिए तैयार हो जाते हैं,। उन्‍होंने बताया है कि ”नूरजहां” आम के भारी-भरकम फल लगभग एक फुट तक लम्बे होते  हैं और इनकी गुठली का वजन ही 150 से 200 ग्राम के बीच अता है।

इस खास आम का स्‍वाद लेने से नहीं दूर रहेंगे इस बार शौकीन

वे यह भी बताते हैं कि इस बार नूरजहां की फसल पिछले साल की तुलना में बहुत अच्छी है, गत वर्ष जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों का सीधा प्रभाव ”नूरजहां” पर दिखाई दिया जिसके कारण से ज्‍यादतर आम के पैड़ों पर बौर (आम के फूल) ही नहीं आ पाए थे, जिस वजह से यह सभी ”नूरजहां” शौकीनों को इसका स्‍वाद नहीं मिल पाया था, लेकिन इस बार प्रकृति मेहबान रही है। आम पर्याप्‍त संख्‍या में हुआ है। इस बार इसके स्‍वाद से किसी को  वंचित नहीं रहना पड़ेगा।

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