Government Schemes (सरकारी योजनाएं)State News (राज्य कृषि समाचार)

मिर्च निर्यात की संभावनाएं तलाशने आया मसाला बोर्ड

Share

मिर्च में अगर 32 से अधिक स्प्रे कर रहे हैं तो खाने योग्य नहीं- विशेषज्ञ

10 फरवरी 2022, खरगोन ।  मिर्च निर्यात की संभावनाएं तलाशने आया मसाला बोर्ड एक जिला एक उत्पाद योजना के तहत  जिले के किसानों को मिर्च के उत्पादन से लेकर निर्यात करने तक मुनाफा देने का उद्देश्य प्रकियाधीन है। सोमवार को खरगोन में मिर्च के उत्पादन और निर्यात की संभावनाओं और आवश्यक टेस्टिंग लेबोरेटरी के पहलुओं के बारे में जानने के लिए नई दिल्ली से दल पहुँचा है। दल में शामिल मसाला बोर्ड ऑफ इंडिया के गुना मसाला पार्क के निर्यात संवर्धन अधिकारी श्री आशीष जायसवाल, मसाला पार्क छिंदवाड़ा के मिर्च वैज्ञानिक श्री भरत अर्जुन गुड़ाडे और चार्टेड अकाउंटेंट श्री अभिनव जैन शामिल है। अधिकारियों ने उद्यानिकी कार्यालय में विभागीय अमले के साथ जिले में मिर्च के उत्पादन, प्रजातियां, टेस्ट, किसानों की स्थिति, वर्तमान में लागत और लाभ जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की।

चर्चा के दौरान केवीके खरगोन के वैज्ञानिक डॉ. कुल्मी ने भी जिले के मिर्च उत्पादन और यहां की भूमि में मिर्च की उत्पादन शक्ति के बारे में विस्तार से बताया। चर्चा के दौरान ही एफपीओ में शामिल किसान श्रीराम पाटीदार ने बताया कि जिले में औसतन हर किसान मिर्च की फसल में 100 से अधिक स्प्रे करता है। इस बात पर दल में शामिल विशेषज्ञ श्री अर्जुन ने कहा कि किसी भी मिर्च के लिए अधिक से अधिक 35 स्प्रे तक सहन की क्षमता होती है। अगर ज्यादा है तो मिर्च खाने योग्य नहीं है। बगवा के एफपीओ से जुड़े किसान पाटीदार ने कहा कि किसी भी किसान को हर तीसरे दिन स्प्रे का उपयोग करना पड़ता है। इसके बाद अगर वायरस की मार होती है तो वो अलग है।

पहले मिर्च तोड़ ले उसके बाद स्प्रे उपयोगी

किसान श्री पाटीदार के विचार जानने के बाद विशेषज्ञ और वैज्ञानिक डॉ. कुल्मी ने कहा कि केमिकल का छिड़काव करने से पूर्व किसान को मिर्च तोड़ लेना चाहिए और किसी भी केमिकल का प्रभाव फसल में वास्तविक अर्थों में 15 दिनों के बाद नजर आता है। किसानों को सम्भवतः यह देखना चाहिए कि किस कीड़े या किसी बिमारी से फसल प्रभावित हो रही है उसी के अनुरूप कीटनाशक का प्रयोग करे अन्यथा नहीं।

एफएसएसएआई  मानक  पर खरी  है निमाड़ की मिर्च

मिर्च निर्यात के विषय पर चर्चा के दौरान कई बिंदु सामने आए इस पर केवीके के वैज्ञानिक डॉ. कुल्मी ने कहा कि पिछले दिनों खरगोन जिले की मिर्च टेस्टिंग के मामले में बिंदु सामने आया कि एफएसएसएआई ने यहां की मिर्च को उनके नॉर्म्स के मुताबिक माना है। हालांकि मसाला बोर्ड के विशेषज्ञों का कहना है कि अंतरर्राष्ट्रीय स्तर पर मिर्च के निर्यात के नॉर्म्स अलग है वे 6 तरह से मिर्च की टेस्टिंग करते हैं। इस बैठक में उद्यानिकी विभाग के उपसंचालक श्री मोहन मुजाल्दा, व्यापार एवं उदयोग विभाग के महाप्रबंधक श्री एसएस मंडलोई, एसएचडीओ श्री पर्वत बड़ोले, जगदीश बड़ोले और विभाग के विस्तार अधिकारी मौजूद रहे।

मसाला बोर्ड के दल ने बेड़िया मंडी का किया अवलोकन

मसाला बोर्ड , इंडिया के दल ने खरगोन के उद्यानिकी अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा के बाद बेड़िया मंडी का अवलोकन किया । मसाला बोर्ड के अधिकारियों में श्री आशीष जायसवाल, श्री भरत अर्जुन और श्री अभिनव जैन ने बेड़िया के व्यापारियों से भी चर्चा की। । व्यापारियों ने बताया कि अगर डेढ़ लाख बोरी मिर्च के लिए कोल्ड स्टोरेज बनें तो व्यापारियों को सुविधा होगी । व्यापारियों ने कहा कि अक्टूबर से जनवरी माह तक यहां 30 से 35 लाख बोरी की आवक हुई है। प्रत्येक बोरी 35 किलो की होती है। व्यापारियों ने कहा कि सीधे विदेशों में सप्लाई करने वाले एक्सपोर्टर्स यहाँ से माल खरीदें तो उन्हें लाभ होगा।

महत्वपूर्ण खबर: एग्री इनपुट की खरीद पर एग्री डीलर्स को नर्चर.रिटेल द्वारा 60 दिन की क्रेडिट अवधि

Share
Advertisements

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *