छोटे व्यापारियों और किसानों के लिए लोन योजनाएं: क्या है सरकार का नया प्लान?
27 मार्च 2025, नई दिल्ली: छोटे व्यापारियों और किसानों के लिए लोन योजनाएं: क्या है सरकार का नया प्लान? – केंद्र सरकार ने हाल ही में छोटे व्यापारियों, किसानों, स्टार्टअप्स और पहली बार उद्यम शुरू करने वालों के लिए कई क्रेडिट योजनाओं में बदलाव और विस्तार की घोषणा की है। वित्त मंत्रालय के अनुसार, ये कदम आर्थिक सहायता को मजबूत करने और लोन तक आसान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए हैं। मंगलवार को राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने इन योजनाओं की जानकारी दी।
पीएमएमवाई: बिना गारंटी के लोन, चार श्रेणियों में मदद
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) के तहत छोटे व्यवसायियों को बिना किसी संपत्ति गिरवी रखे लोन मिल रहा है। यह सुविधा बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, एनबीएफसी और माइक्रो फाइनेंस संस्थानों के जरिए दी जा रही है। यह लोन कोई भी व्यक्ति ले सकता है, बशर्ते उसके पास व्यवसाय योजना हो और वह पात्र हो। योजना में चार श्रेणियां हैं- शिशु (50,000 रुपये तक), किशोर (50,000 से 5 लाख रुपये तक), तरुण (5 लाख से 10 लाख रुपये तक) और तरुण प्लस (20 लाख रुपये तक)। तरुण प्लस उन उद्यमियों के लिए है जो पहले तरुण लोन चुका चुके हैं। यह लोन विनिर्माण, व्यापार, सेवा क्षेत्र और कृषि से जुड़े कामों के लिए लिया जा सकता है।
स्टैंड अप इंडिया: एससी/एसटी और महिलाओं पर फोकस
स्टैंड अप इंडिया योजना में अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और महिलाओं को 10 लाख से 1 करोड़ रुपये तक का लोन मिलता है। हर बैंक शाखा में कम से कम एक एससी/एसटी और एक महिला उद्यमी को यह लोन नए बिजनेस शुरू करने के लिए दिया जाता है। यह सुविधा विनिर्माण, सेवा, व्यापार और कृषि से संबद्ध क्षेत्रों में नए उद्यमों के लिए है।
पहली बार उद्यमियों के लिए नई स्कीम
2025-26 के केंद्रीय बजट में घोषित एक नई योजना के तहत 5 लाख महिलाओं, एससी और एसटी वर्ग के पहली बार उद्यम शुरू करने वालों को अगले 5 साल में 2 करोड़ रुपये तक का टर्म लोन मिलेगा। यह योजना बजट 2025-26 के पैरा 32 में घोषित की गई थी। वित्त मंत्रालय का कहना है, “इस योजना में स्टैंड अप इंडिया के अनुभवों को शामिल किया जाएगा। साथ ही ऑनलाइन उद्यमिता और प्रबंधन कौशल प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।”
किसान क्रेडिट कार्ड: लोन सीमा बढ़ी
1998 में शुरू हुए किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) में अब बदलाव आया है। 2019 से इसमें पशुपालन, डेयरी और मछली पालन जैसे क्षेत्रों को भी शामिल किया गया था। यह किसानों को बीज, उर्वरक, कीटनाशक खरीदने और नकदी जरूरतों के लिए मदद करता है। बजट 2025-26 में सरकार ने मॉडिफाइड इंटरेस्ट सब्सिडी स्कीम (MISS) के तहत केसीसी लोन की सीमा 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी है। इसके तहत किसानों को 7% सालाना ब्याज पर लोन मिलता है, जिसमें 1.5% की सब्सिडी बैंकों को दी जाती है। समय पर लोन चुकाने वाले किसानों को 3% की अतिरिक्त छूट मिलती है, जिससे प्रभावी ब्याज दर 4% रह जाती है।
जन समर्थ पोर्टल: 15 योजनाओं का एक मंच
जन समर्थ पोर्टल को 15 सरकारी लोन और सब्सिडी योजनाओं के लिए वन-स्टॉप डिजिटल प्लेटफॉर्म के तौर पर पेश किया गया है। यह आवेदकों के डेटा के डिजिटल मूल्यांकन के आधार पर लोन अप्रूवल की प्रक्रिया को तेज करता है। इसके अलावा, कई बैंक और वित्तीय संस्थानों ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और मोबाइल ऐप्स शुरू किए हैं, जिससे कागजी काम और शाखाओं में जाने की जरूरत कम हो गई है।
ये योजनाएं छोटे स्तर के व्यवसायों, किसानों और स्टार्टअप्स को वित्तीय मदद देने के लिए बनाई गई हैं। हालांकि, इनके प्रभावी क्रियान्वयन और जमीनी स्तर पर पहुंच को लेकर सवाल उठते रहे हैं। सरकार का दावा है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म और बढ़ी हुई लोन सीमा से ये योजनाएं ज्यादा कारगर होंगी।
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