मसूर की फसल में सिंचाई से क्या लाभ होता है, कब करना चाहिये
- रामदयाल चौधरी
27 दिसम्बर 2022, भोपाल । मसूर की फसल में सिंचाई से क्या लाभ होता है, कब करना चाहिये –
समाधान- दलहनी-तिलहनी जो रबी मौसम में लगाई जाती है। आमतौर पर वर्षा आधारित ही होती हंै। इस कारण उनका उत्पादन कम होता है यदि सिंचाई के साधन उपलब्ध हों तो एक या दो पानी से उत्पादन दो गुना तक बढ़ाया जाना असंभव बात नहीं होगी। साथ में यदि बुआई के समय उर्वरक की पूरी संतुलित मात्रा डाली गई हो तो और अच्छे परिणाम लिये जा सकते हंै। मसूर में यदि शीतकालीन वर्षा नहीं हो पाई है तो पहली सिंचाई बुआई के 40 दिनों बाद करने से अच्छा उत्पादन मिल सकता है। मिट्टी में नमी के परीक्षण अर्थात् नमी कम दिखाई देने के बाद दूसरी सिंचाई 60-70 दिनों बाद देर से उत्पादन में बढ़ोत्तरी हो सकती है। गहरी काली भूमि में यदि मसूर लगाई गई हो तो एक सिंचाई ही पर्याप्त होगी।
महत्वपूर्ण खबर: स्वाईल हेल्थ कार्ड के आधार पर ही फर्टिलाइजर डालें