धान लगाने की एरोबिक पद्धति क्या है तथा कैसे की जाती है।
- जगतनारायण शर्मा, पिपरिया
3 जुलाई 2021, भोपाल : समस्या – धान लगाने की एरोबिक पद्धति क्या है तथा कैसे की जाती है।
समाधान– धान लगाने की एरोबिक विधि एक तरह से कम वर्षा वाले क्षेत्रों के लिये उपयोगी पाई गई है। जून में वर्षा आरंभ होते ही कतारों में खेत बनाने के उपरांत धान का बीज सीधा -सीधा बो दिया जाता है। मोटे दाने की धान का 60-70 किलो बीज तथा बासमती का 45-50 किलो बीज/हे. पर्याप्त होता है। इस पद्धति में जल भराव की आवश्यकता नहीं होती है। वर्षा आधारित ही फसल तैयार होती है। इस विधि में पानी की असीम बचत होती हैं तथा नत्रजन उर्वरक का भरपूर उपयोग संभव है। खेत में यूरिया डालने से या अमोनियम सल्फेट डालने से उसका हृास होता है। जो कि इस विधि से बच जाता है। इस विधि को अपनाने में नत्रजन उर्वरकों का पूरा-पूरा लाभ संभव है। और हृास से होने वाले वातावरण प्रदूषण से भी छुटकारा मिल जाता है।