आम के बागों में मिलीबग की समस्या और उसके समाधान
13 मार्च 2025, भोपाल: आम के बागों में मिलीबग की समस्या और उसके समाधान – आईसीएआर-केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान (CISH), रहमानखेड़ा, लखनऊ के अनुसार, मिलीबग आम के बागों में एक गंभीर समस्या बनती जा रही है। इनकी सक्रियता जनवरी के पहले सप्ताह से शुरू होकर मई तक बनी रहती है। यदि समय रहते नियंत्रण के उपाय न किए जाएं, तो यह कीट आम के फूलों और नई कोपलों को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकता है।
यदि मिलीबग का प्रकोप प्रारंभिक चरण में नहीं रोका गया और यह पहले से ही फूलों और नई पत्तियों पर पहुंच चुका है, तो तत्काल उपाय करना आवश्यक है। आईसीएआर-CISH के अनुसार, पेड़ों के तनों के चारों ओर कीटनाशक धूल डालने से उन निम्फों को मारा जा सकता है जो पेड़ों पर चढ़ने की कोशिश कर रहे हैं। यदि निम्फ पहले से ही पेड़ों पर चढ़ चुके हैं, तो स्पाइरोटेट्रैमेट 11.01% + इमिडाक्लोप्रिड 11.01% SC का प्रति लीटर पानी में निर्धारित मात्रा में छिड़काव करना चाहिए।
इसके अलावा, बागों की स्वच्छता बनाए रखना, खरपतवारों को हटाना, संक्रमित शाखाओं को छांटना और नाइट्रोजन उर्वरकों का अधिक उपयोग न करना मिलीबग के प्रकोप को कम करने में सहायक हो सकता है। इन उपायों को अपनाकर किसान अपनी आम की फसल को इस कीट से बचा सकते हैं।
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