आम के पौधों में गुच्छा रोग आ जाता है कारण तथा उपाय बतायें
सखनलाल मेहरा, गोविन्दगढ़
समाधान- आम का यह सबसे अधिक खतरनाक रोग है इसके द्वारा 20-25 प्रतिशत तक क्षति देखी गई है। इस रोग के लक्षण दो तरह से दिखाई देते हैं पुष्पक्रम विकृति तथा गुच्छा शीर्ष विकृति। फूल आने के समय रोग आता है जिसके कारण फूल एवं पत्तियां मिलकर गुच्छा बनाते है तथा कलियां पत्तियों में परिवर्तित हो जाती है। इसके अलावा वृक्ष की टहनियों पर छोटी-छोटी पत्तियां मिलकर गुच्छा बन जाता है।
1. नियंत्रण के लिये जरूरी है पौधों का वार्षिक रखरखाव के साथ पोटेशियम खाद भी डालना चाहिये।
2. प्रभावित टहनियों को काटकर अलग कर दें।
3. केराथियान 1 ग्राम/लीटर पानी में घोल बनाकर 15 दिनों के अंतर से दो छिड़काव।
4. बोनोमिल 1 मि.ली./ली. पानी में घोल बनाकर दो छिड़काव 15 दिनों के अंतर से करें। माईट के नियंत्रण में भी उक्त दवा लाभदायक है।
आम के प्रमुख रोग – नियंत्रण