गुजरात के जगदीश चौहान ने आम की नर्सरी से कमाए लाखों, बने प्रेरणा स्रोत
13 दिसंबर 2024, भोपाल: गुजरात के जगदीश चौहान ने आम की नर्सरी से कमाए लाखों, बने प्रेरणा स्रोत – खेती में नवाचार और उद्यमिता की मिसाल पेश करते हुए, पंचमहल जिले के मोकल गांव के रहने वाले जगदीशभाई जेराभाई चौहान ने आम की नर्सरी के माध्यम से न केवल अपनी आमदनी बढ़ाई, बल्कि अन्य किसानों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन गए हैं। परंपरागत खेती से शुरू हुई उनकी यह यात्रा आज उन्हें एक सफल बागवानी उद्यमी के रूप में स्थापित कर चुकी है।
खेती से बागवानी उद्यमिता तक का सफर
जगदीश चौहान के पास 3.5 एकड़ सिंचित भूमि है, जहां वे पारंपरिक फसलों जैसे मक्का, अरहर, धान और सब्जियां उगाते थे। अतिरिक्त आय के लिए उन्होंने 0.50 हेक्टेयर भूमि पर केसर, मल्लिका, राजापुरी, लंगड़ा और अल्फांसो किस्मों के आम के पेड़ लगाए। गुजरात में गुणवत्तापूर्ण आम की रोपण सामग्री की बढ़ती मांग ने उन्हें बागवानी के क्षेत्र में कदम बढ़ाने के लिए प्रेरित किया।
जगदीश चौहान ने केन्द्रीय बागवानी प्रयोग स्टेशन (भाकृअनुप-केन्द्रीय शुष्क बागवानी संस्थान), वेजलपुर, गोधरा का दौरा किया और विशेषज्ञों से आम की उन्नत किस्मों की ग्राफ्टिंग तकनीकों का प्रशिक्षण लिया। उन्हें नर्सरी उगाने, ग्राफ्टिंग प्रक्रिया और पौधों की सुरक्षा के उपायों की गहन जानकारी दी गई। वैज्ञानिकों ने उन्हें स्थानीय आम की गुठलियों का उपयोग कर रूटस्टॉक्स तैयार करने की सलाह दी, जिससे इनपुट लागत कम हुई।
उन्होंने सोशल मीडिया का उपयोग करके अपनी नर्सरी को बढ़ावा देने का तरीका भी सीखा। विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में उन्होंने आम की ग्राफ्टिंग तकनीकों को अपनाकर अपनी नर्सरी को एक सफल उद्यम में बदल दिया।
तीन वर्षों में हासिल की बड़ी सफलता
जगदीश चौहान ने 2021, 2022 और 2023 में क्रमशः 5500, 6000 और 6500 ग्राफ्टेड आम के पौधे तैयार किए। इन पौधों को उन्होंने गुजरात के पंचमहल, महिसागर, दाहोद, खेड़ा, छोटा उदेपुर और वडोदरा जिलों में प्रति पौधा ₹100 की दर से बेचा। तीन वर्षों में उन्होंने ₹15 लाख की कुल आय अर्जित की, जिसमें ₹12.75 लाख का शुद्ध लाभ हुआ। अब वे हर साल 4 लाख रुपये से अधिक की कमाई कर रहे हैं।
जगदीश चौहान अब बेल की जड़ों का बड़े पैमाने पर उत्पादन कर रहे हैं और अपनी नर्सरी का विस्तार कर रहे हैं। उनकी यह सफलता न केवल उनके लिए आर्थिक रूप से फायदेमंद साबित हुई, बल्कि उन्होंने 3-5 मजदूरों को मौसमी रोजगार भी प्रदान किया।
कृषक समुदाय के लिए प्रेरणा
जगदीश चौहान आज बागवानी उद्यमिता में एक मिसाल बन चुके हैं। मध्य गुजरात के गैर-पारंपरिक क्षेत्रों में आम की रोपण सामग्री का उत्पादन आत्मनिर्भरता और लाभदायक खेती का नया रास्ता दिखा रहा है। उनकी यह यात्रा साबित करती है कि सही मार्गदर्शन और मेहनत से किसान नई ऊंचाइयों को छू सकते हैं।
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