Editorial (संपादकीय)

खरीफ बुवाई में बीजोपचार जरूरी

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3 जून 2021, भोपाल । खरीफ बुवाई में बीजोपचार जरूरी – बीजोपचार को उत्पादन की प्रथम श्रेणी में रखा जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। बीजोपचार के संबंधित सभी वर्ग मानते हंै कि एक बार यदि बुआई के पहले बीज को सुरक्षा कवच मिल जाये तो समझ लो गंगा पार हो गये यही कारण है कि आज शासन भी सजग है और बीजोपचार को एक आंदोलन की तरह ही मान जान रहे हैं। कहावत है खरीफ बुआई के तीन दिन और रबी के तेरह दिन अत: सीमित समय में 50-60 लाख रकबे की सोयाबीन तथा अन्य खरीफ फसलें धान, ज्वार, बाजरा, मक्का, मूंगफली, कपास इत्यादि के बीज को बुआई पूर्व उपचारित करना किसी चुनौती से कम नहीं है फिर भी मरता क्या नहीं करता आप सभी को मालूम है कि अनौपचारित बीज के बोने से क्या दुष्परिणाम सामने आते हैं। वास्तव में कृषक जान लें कि क्यों बीज उपचार का ढोल ठोंका जा रहा है, क्या आवश्यकता पड़ गई बीजोपचार की तथा कैसे करना चाहिए। इन सब सवालों के जवाब में छिपा है बीजोपचार का महत्व, पहले भी खेती होती थी परंतु बीजोपचार का इतना हल्ला नहीं था कारण सिर्फ एक है कि आवश्यकता आज अनाज की बढ़ गई है। इस कारण अधिकांश क्षेत्र में दो फसलें तथा आंशिक क्षेत्र में तीन फसलें एक ईकाई क्षेत्र में ली जाती हंै सतत फसलों के दबाव के कारण भूमि में फफूंद/कीटों के अंश बढ़ते जा रहे हैं।

आखिर बीजोपचार से क्या लाभ हैं तो समझें, बीज की ऊपरी तथा अंदर की पर्तों में अनदेखी फफूंदी रहती है जो अवसर पाकर दूषित बीज के साथ भूमि में जाकर बीज के अंकुरण को प्रभावित करती है और रोगों की प्रारंभिक अवस्था को सफल बनाती है यदि बीज का उपचार कर दिया जाये तो ये अनदेखी फफूंदों का अस्तित्व समाप्त हो जायेगा और रोगों की प्रारंभिक अवस्था पर रोक लग जायेगी अनुसंधान के परिणाम सामने हंै जिनसे पता लगता है कि जिस बीज का उपचार किया गया है उसमें अंकुरण संतोषजनक होता है और अच्छी पौध संख्या प्राप्त होती है। सभी जानते हैं कृषक भी मानते हैं कि अच्छा अंकुरण अच्छे उत्पादन का आईना होता है बुआई के बारे में खेत की काली चादर पर हरी-हरी कोमल पौध को देखकर मन प्रसन्न हो जाता है आज भी यदि इस खरीफ में मन प्रसन्न करना चाहतेहैं  हैं तो बीज खेत में जाने के पहले उसका उपचार अवश्य ही करें बीज उपचारित करने से और भी लाभ है भूमि में जहां भी उपचारित बीज पड़ता है आसपास की भूमि भी उपचारित हो जाती है और भूमिगत फफूंद भी समाप्त हो जाती है जो फसल को चट करने की फिराक में रहती है उपचारित बीज के कारण बेवस हो जाती है। उपचारित बीज क्रिया एक तरह से फसल की जीवन बीमा की तरह ही होता है जो हर तरफ से लाभ देता है कृषकों को चाहिये खेती के बारे में चौकन्ना रहें पहले से यदि सजग होकर कार्य करेंगे तो बाद में उसका अच्छा लाभ भी उसे जरूर मिलेगा। बीजोपचार सफल खेती की कुंजी है। जो आपके हाथ में है। उपचारित करने के लिये आज मशीनें उपलब्ध हैं कम समय अधिक कार्य उसका लाभ भी उठाया जा सकता है। खरीफ फसलों की बोआई में हम प्रण करें कि एक दाना भी बिना उपचार के नहीं बोयेंगे ताकि अंकुरण के लिये पछताना नहीं पड़े।

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