खीरे की पत्तियों में पीले धब्बे? IARI ने बताया इसका कारण और आसान इलाज
26 मई 2025, नई दिल्ली: खीरे की पत्तियों में पीले धब्बे? IARI ने बताया इसका कारण और आसान इलाज – गर्मियों के मौसम में खीरे की खेती किसानों के लिए आमदनी का अच्छा साधन बन सकती है, लेकिन कई बार फसल में अचानक पत्तियों पर पीले धब्बे दिखाई देने लगते हैं. यह समस्या देखने में भले मामूली लगे, लेकिन असल में यह खीरे में विषाणु (Virus) जनित रोग का संकेत होता है. भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) के विशेषज्ञों ने इस समस्या के समाधान के लिए जैविक और रासायनिक दोनों उपाय सुझाए हैं.
पत्तियों में पीले धब्बे – यह कोई सामान्य बात नहीं
IARI के वैज्ञानिकों के अनुसार, खीरे की पत्तियों पर पीले धब्बों का उभरना विषाणु संक्रमण का पहला संकेत है. समय पर इलाज न करने पर यह संक्रमण पूरे खेत में फैल सकता है, जिससे पौधों की वृद्धि रुक जाती है और उत्पादन पर सीधा असर पड़ता है.
पहला कदम: जैविक उपाय अपनाएं
संस्थान की सलाह है कि जैसे ही पत्तियों पर पीले धब्बे दिखें, 1 प्रतिशत नीम के तेल का घोल बनाकर पूरे खेत में छिड़काव करें. नीम का तेल एक प्रभावी जैविक कीटनाशक है, जो विषाणु फैलाने वाले कीटों को नियंत्रित करता है.
रासायनिक विकल्प भी है प्रभावी
यदि संक्रमण अधिक फैल चुका है और जैविक उपाय पर्याप्त नहीं लगते, तो रासायनिक दवा का सहारा लिया जा सकता है. IARI के अनुसार, इमिडाक्लोप्रिड (Imidacloprid) नामक कीटनाशक का 60 से 80 मिलीलीटर मात्रा को 200 लीटर पानी में मिलाकर एक एकड़ खेत में छिड़काव करें. यह दवा विषाणु वाहक कीटों जैसे सफेद मक्खी और थ्रिप्स को खत्म करती है, जिससे रोग का प्रसार रुक जाता है.
किसानों के लिए सलाह
- रोग की शुरुआत में ही पहचान कर लेना जरूरी है.
- जैविक और रासायनिक दोनों विधियों का संतुलित इस्तेमाल करें.
- छिड़काव करते समय मास्क और दस्ताने जरूर पहनें.
खीरे की खेती में रोग नियंत्रण की सही जानकारी और समय पर उपाय अपनाकर किसान न केवल अपनी फसल बचा सकते हैं, बल्कि उत्पादन और मुनाफे को भी सुनिश्चित कर सकते हैं.
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