टमाटर रगोज वायरस: भारत में कैसे फैल रहा है यह खतरनाक वायरस?
15 जनवरी 2025, नई दिल्ली: टमाटर रगोज वायरस: भारत में कैसे फैल रहा है यह खतरनाक वायरस? – टमाटर ब्राउन रगोज फ्रूट वायरस (ToBRFV) का वैश्विक प्रसार भारत सहित दुनिया भर में टमाटर और मिर्च की फसलों के लिए एक गंभीर खतरा बन गया है। यह वायरस, जो पहली बार 2014 में इज़राइल में खोजा गया था, अब भारत में भी अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुका है। इस वायरस के प्रभाव को रोकने के लिए यूरोपीय संघ और अन्य देशों ने अपने आयात और बीजों की आवाजाही पर सख्त नियम लागू किए हैं। भारत जैसे कृषि प्रधान देश के लिए यह चुनौती और भी बड़ी है, क्योंकि यहां टमाटर और मिर्च घरेलू खपत और निर्यात दोनों के लिए महत्वपूर्ण हैं।
भारत में ToBRFV का प्रभाव और जोखिम
यूरोपीय आयोग ने मई 2023 में अपने नियमों को संशोधित किया, ताकि उन देशों से टमाटर और मिर्च के आयात पर सख्त नियंत्रण रखा जा सके, जहां ToBRFV पाया गया है। लेकिन इसके बावजूद, यह वायरस आयरलैंड, लिथुआनिया, लैटविया, रोमानिया और क्रोएशिया जैसे देशों में भी फैल गया। वैश्विक स्तर पर, इसे ऑस्ट्रेलिया, मोरक्को, अर्जेंटीना और भारत में भी पाया गया है। भारत में इस वायरस का पता चलना देश की कृषि प्रणाली में सख्त फाइटोसैनिटरी उपायों की जरूरत को उजागर करता है।
यूरोपीय और भूमध्यसागरीय पौध संरक्षण संगठन (EPPO) द्वारा जून 2024 में किए गए एक अध्ययन के अनुसार, यह वायरस दुनिया भर में तेजी से फैल रहा है। इस अध्ययन ने पुष्टि की कि ToBRFV के फैलाव का क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है, जिससे भारत जैसे देशों में भी इसकी रोकथाम एक बड़ी चुनौती बन गई है।
नए नियम और भारत पर प्रभाव
यूरोपीय संघ के नए नियमों के तहत ToBRFV को अब “संगरोधित कीट” नहीं माना जाता, बल्कि इसे “नियमित गैर-संगरोधित कीट” के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इसका मतलब है कि बीजों और पौधों को वायरस मुक्त होने के लिए या तो उस देश से आना चाहिए जिसे राष्ट्रीय फाइटोसैनिटरी सेवा द्वारा वायरस मुक्त घोषित किया गया हो, या उनकी आधिकारिक निगरानी में जांच होनी चाहिए।
इसके अलावा, मिर्च की उन किस्मों के लिए छूट है जो ToBRFV के प्रति प्रतिरोधी साबित हुई हैं। इन किस्मों को सख्त परीक्षणों और नियंत्रण की आवश्यकता नहीं है। यह भारत के लिए भी एक संकेत है कि वायरस-प्रतिरोधी किस्मों का विकास कृषि उत्पादन को सुरक्षित रखने और अंतरराष्ट्रीय व्यापार मानकों को पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण है।
भारत में ToBRFV की वर्तमान स्थिति
भारत में ToBRFV का पहली बार पिछले दो वर्षों में टमाटर की फसलों में पता चला। इस वायरस का तेज़ी से फैलाव और इसकी अधिक स्थायित्व इसे भारतीय किसानों के लिए एक बड़ा खतरा बनाता है। अन्य प्रभावित देशों, जैसे स्पेन में अनुभव से पता चलता है कि यह वायरस ग्रीनहाउस, अनुसंधान केंद्रों और खुले खेतों में बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा सकता है।
यह वायरस यांत्रिक रूप से और संक्रमित बीजों के माध्यम से फैलता है, जो इसे अत्यधिक संक्रामक बनाता है। यह विभिन्न सतहों पर लंबे समय तक जीवित रह सकता है और अन्य वायरस के लिए प्रभावी माने जाने वाले कीटाणुशोधन तरीकों का भी सामना कर सकता है।
भारत के लिए प्रबंधन रणनीतियाँ
ToBRFV का प्रबंधन करने के लिए भारत को बहु-आयामी दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) और राज्य कृषि विश्वविद्यालयों को वायरस-प्रतिरोधी टमाटर और मिर्च किस्मों के विकास को प्राथमिकता देनी चाहिए। साथ ही, किसानों को स्वच्छता, बीज चयन और फसल चक्र के सर्वोत्तम अभ्यासों के बारे में शिक्षित करना चाहिए।
जहां ToBRFV का पता चल चुका है, वहां सख्त रोकथाम उपायों को लागू करना आवश्यक है, जिसमें संक्रमित फसलों को नष्ट करना और आसपास के क्षेत्रों की निगरानी शामिल है। सरकार, अनुसंधान संस्थानों और निजी क्षेत्र के बीच सहयोगात्मक प्रयास इस वायरस के प्रभाव को रोकने और कम करने के लिए आवश्यक हैं।
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