सोयाबीन की 30 से 40 दिन की फसल के लिए टिप्स: कृषि प्रबंधन और फसल निगरानी
29 जुलाई 2024, भोपाल: सोयाबीन की 30 से 40 दिन की फसल के लिए टिप्स: कृषि प्रबंधन और फसल निगरानी – भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान द्वारा 30 से 40 दिनों की हो चुकी सोयाबीन की फसल हेतु विशेष सलाह जारी की गयी है। भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान ने कृषि प्रबंधन और फसल निगरानी से जुड़े मुख्य पहलुओं पर सलाह जारी की है।
कृषि प्रबंधन और फसल निगरानी
नियमित निगरानी
किसानों को अपने खेतों की नियमित निगरानी करनी चाहिए एवं खेत में जाकर 3 से 4 स्थानों के पौधों को हिलाकर देखें कि कोई कीट/इल्ली है या नहीं। यह प्रभावी कीट नियंत्रण उपायों को सुविधाजनक बनाएगा।
चक्र भृंग नियंत्रण
सोयाबीन की फसल घनी होने पर फसल में चक्र भृंग (गिर्डल बीटल) का प्रकोप अधिक होने की संभावना होती है। इसके लिए प्रारंभिक अवस्था में ही (एक सप्ताह के अंदर) दो रिंग दिखाई देने वाली ऐसी मुरझाई/लटकी हुई ग्रसित पत्तियों को तने से तोड़कर जला दे या खेत से बाहर करे।
किसानों को कीट-रोग से होने वाले नुकसान से फसल की सुरक्षा करने के लिए कीटनाशक/फफूंदनाशक का छिड़काव करना चाहिए, भले ही यह फसल के फूल आने के चरण में हो।
सिंचाई प्रबंधन
किसानो को सलाह हैं की जलभराव से होने वाले नुकसान से सोयाबीन फसल को बचाने हेतु अतिरिक्त जल-निकासी सुनिश्चित करे और सूखे की स्थिति में किसानों को भूमि में दरार पड़ने से पूर्व ही फसल की सिचाई करले और किसानों को सूखे से प्रभावित क्षेत्रों में BBF/रिज फ़रो सीड ड्रिल का उपयोग करके बनाए गए नालियों (फ़रो) मैं स्प्रिंकलर, ड्रिप या बाढ़ सिंचाई प्रणाली का उपयोग करके सिंचाई करने की सलाह दी जाती है। इसके साथ ही, कृषकगण अन्य उपाय जैसे भूसे/खरपतवारो की पलवार लगा कर नमी संरक्षण का काम कर सकते हैं।
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