फसल की खेती (Crop Cultivation)

सफेद मूसली की फसल में सिंचाई और उर्वरक का महत्व

24 जून 2024, भोपाल: सफेद मूसली की फसल में सिंचाई और उर्वरक का महत्व – सफेद मूसली की अच्छी फसल के लिए सही सिंचाई और उर्वरक का उपयोग अत्यंत महत्वपूर्ण है। जाने सिंचाई और उर्वरक की विधियों और उनके लाभ।

सिंचाई

ड्रिप सिंचाई सफेद मूसली की व्यावसायिक खेती के लिए आर्थिक और व्यवहार्य पाई गई है। वर्षा के पैटर्न के अनुसार 10-15 दिनों के अंतराल पर कम से कम 6-8 सिंचाई की आवश्यकता होती है।

उर्वरक

अच्छे परिणाम के लिए भूमि की तैयारी के समय 10-15 टन/हेक्टेयर गोबर की खाद डाली जा सकती है। पोषक तत्वों की आपूर्ति के लिए प्रति हेक्टेयर 50:40:40 किलोग्राम एनपीके का उपयोग अनुकूल है।


सही सिंचाई और उर्वरक के उपयोग से पौधों की वृद्धि और उपज में वृद्धि होती है, जिससे किसानों को बेहतर मुनाफा प्राप्त होता है।

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