भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान द्वारा सोयाबीन की देर से बुआई पर तकनीकी सलाह
14 जुलाई 2023, भोपाल: भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान द्वारा सोयाबीन की देर से बुआई पर तकनीकी सलाह – सोयाबीन की बुआई मानसून आने पर जून के पहले सप्ताह से शुरू हो जाती हैं। लगभग 70 प्रतिशत किसानों ने अभी तक सोयाबीन की बुआई कर ली हैं, लेकिन ऐसे किसान जिन्होंने अभी तक अपने खेतों में सोयबीन की बोवनी नहीं की हैं, उनको भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान द्वारा ये सलाह दी जा रही हैं।
1 – ऐसे किसान जिनकी सोयाबीन बोवनी होना शेष हैं, उनको सलाह हैं कि, कतारों की दूरी 30 सेमी. तक घटायें एवं बीज दर बढाकर (90-100 किग्रा./हे) इस सप्ताह सोयाबीन की बोवनी कर सकते हैं।
2 – साधारणतया, सोयाबीन की बोवनी हेतु जुलाई माह के प्रथम सप्ताह तक का समय सबसे उपयुक्त होता है। इससे विलंबित स्थिति में शीघ्र पकने वाली किस्में (जैसे JS-20-34, NRC 130, NRC 131, NRC-138 आदि) को प्राथमिकता देने की सलाह है।
3 – विलंबित बोवनी की स्थिति में कृषकों को सलाह है कि, खरपतवार प्रबंधन की दृष्टि से जहाँ तक संभव हों, कल्टीवेटर चलाने के पश्चात बोवनी करें।
4 – विपरीत मौसम (सूखे की स्थिति, अतिवृष्टि आदि) से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए सोयाबीन की बोवनी बी.बी.एफ.पद्धति या रिज एवं फरो पद्धति से करें।
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