कम पानी एवं शीघ्र पकने वाली फसलों का बीज उत्पादन लें
भोपाल। सहकारिता मंत्री श्री गोपाल भार्गव ने कम वर्षा में पैदा होने वाली फसलों के लिये प्रमाणित बीज उत्पादन प्राथमिकता से किये जाने के निर्देश दिये हैं। म.प्र.राज्य सहकारी बीज उत्पादक एवं विपणन संघ के संचालक मंडल की बैठक में मंत्री श्री भार्गव ने बीज उत्पादन और वितरण कार्य की समीक्षा की। इस अवसर पर किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन, प्रमुख सचिव सहकारिता श्री अजीत केसरी, और प्रमुख सचिव कृषक कल्याण तथा कृषि विकास डॉ. राजेश राजौरा मौजूद थे।
बैठक में बीज संघ द्वारा खरीफ तथा रबी वर्ष 2014-15 में बीज उत्पादक समितियों को उपलब्ध करवाये गये प्रजनक बीज वितरण का ब्यौरा दिया गया। खरीफ 2014 में विभिन्न फसलों के लिये 2 लाख 58 हजार 840 क्विंटल आधार/प्रामाणिक बीज का उत्पादन हुआ है। खरीफ तथा रबी 2015 की फसलों के लिये प्रमाणित बीज उत्पादन की कार्य-योजना पर चर्चा हुई । खरीफ वर्ष 2015 में करीब 3 लाख 50 हजार क्विंटल प्रमाणित बीज उत्पादन की संभावना बताई गई। इसी तरह रबी वर्ष 2015-16 में 5 लाख 31 हजार 900 क्विंटल प्रमाणित बीज उत्पादन का अनुमान बताया गया है। मंत्री श्री भार्गव ने प्रमाणित बीज उत्पादन क्षमता बढ़ाने पर जोर देते हुये कम वर्षा में पैदा होने वाली फसल के बीज उत्पादन को प्राथमिकता देने की जरूरत बताई। प्रबंध संचालक श्री बी.एल. चौहान ने बताया कि प्रदेश के 19 जिलों में गोदाम सह ग्रेडिंग प्लांट निर्माण के लिये एक-एक एकड़ भूमि बीज संघ को आवंटित हो गई है। बीज संघ द्वारा प्रत्येक जिले में एक हजार मीट्रिक टन क्षमता के गोदाम मध्यप्रदेश राज्य सहकारी आवास संघ के माध्यम से बनाने का काम शुरू किया जा रहा है। चयनित स्थान पर गोदाम के साथ शीघ्र ही ग्रेडिंग संयंत्रों की स्थापना का काम एमपी एग्रो के माध्यम से होगा।
प्रमुख सचिव डॉ. राजेश राजौरा ने आत्मा परियोजना में प्रशिक्षण कार्यक्रम का सुझाव दिया । उन्होंने उन्नत किस्म के बीज उत्पादन के लिये भारत सरकार से मिलने वाली अनुदान सहायता का लाभ लेने के लिये बीज उत्पादकों को प्रेरित करने का सुझाव भी दिया।
बैठक में संचालक कृषि श्री मोहनलाल मीणा, प्रबंध संचालक अपैक्स बैंक श्री प्रदीप नीखरा, संयुक्त आयुक्त सहकारिता श्रीमती मीरा असवाल सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और संचालक मंडल के सदस्य उपस्थित थे।