फसल की खेती (Crop Cultivation)

रस चूसने वाले कीटों का नियंत्रण करे ‘नीमास्त्र’

लेखक: अभिषेक राठौड़ द्य डॉ. शिव सिंह बसेडिय़ा, डॉ. सुमित काकड़े द्य रवि कुमार, डॉ. रूद्र प्रताप सिंह गुर्जर, सहायक प्रोफ़ेसर, कृषि संकाय आर. के. डी. एफ. वि. वि. ,भोपाल, singh.shiv154@gmail.com

03 फ़रवरी 2025, भोपाल: रस चूसने वाले कीटों का नियंत्रण करे ‘नीमास्त्र’ – नीमास्त्र’: नीम की पत्तियों में एंटी-वायरल, एंटी-फ़ंगल, और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं। इनसे इम्यूनिटी बढ़ती है और संक्रमण से बचाव होता है। नीमास्त्र एक प्राकृतिक (ऑर्गेनिक) कीटनाशक है।

नीमास्त्र बनाने के लिए, नीम के पत्तों, गाय के गोबर, और गाय के मूत्र की ज़रूरत होती है। एक अकेला ऐसा कीटनाशक जो दिला सकता है आपको कीटों से निज़ात जैविक तरीके से। नीमास्त्र का प्रयोग फसलों में चूसने वाले कीड़ों, छोटी सूडियों/ इल्लियों के लिए किया जाता है जब फसलों में चूसने वाले कीड़े, छोटी सूण्डी/इल्लियों का प्रकोप दिखे तो नीमास्त्र का छिड़काव करके इन कीड़ों पर नियंत्रण पाया जा सकता है। आइये जानें इसे बनाने और प्रयोग करने की विधि।

नीमास्त्र बनाने के लिए सामग्री

  • 5 किलोग्राम नीम या टहनियां
  • 5 किलोग्राम नीम फल/नीम खरी
  • 5 लीटर गोमूत्र
  • 1 किलोग्राम गाय का गोबर

नीमास्त्र बनाने की विधि

सर्वप्रथम प्लास्टिक के बर्तन पर 5 किलोग्राम नीम की पत्तियों की चटनी, और 5 किलोग्राम नीम के फल पीस व कूट कर डालें एवं 5 लीटर गोमूत्र व 1 किलोग्राम गाय का गोबर डालें इन सभी सामग्री को डंडे से चलाकर जालीदार कपड़े से ढक दें। यह 48 घंटे में तैयार हो जाएगा। 48 घंटे में चार बार डंडे से चलाएं। इस घोल को 100 लीटर पानी में मिला कर इसे कीटनाशक के रूप में उपयोग कर सकते हैं।

नीमास्त्र से जुड़ी कुछ और बातें:

  • नीमास्त्र को छह महीने तक स्टोर किया जा सकता है।
  • नीमास्त्र को धूप से दूर रखें और इस पर बारिश का पानी नहीं पड़े।
  • नीमास्त्र का इस्तेमाल फसलों में चूसने वाले कीड़ों, छोटी सुंडियों, और इल्लियों पर नियंत्रण पाने के लिए किया जाता है।
  • सावधानी: धूप और बारिश के पानी से बचाकर रखें।
  • भण्डारण अवधिकाल : इसको 6 महीने तक भण्डारित कर सकते हैं।

नीमास्त्र के लाभ:

नीमास्त्र एक सर्वोत्तम कीटनाशक है, इसके निम्नलिखित लाभ हैं –

  • मनुष्य, वातावरण और फसलों के लिए शून्य हानिकारक है।
  • इसका जैविकीय विघटन होने के कारण भूमि की संरचना में सुधार होता है।
  • सिर्फ हानिकारक कीटों को मारता है, लाभदायक कीटों को हानि नहीं पहुँचाता है।
  • नीमास्त्र का छिड़काव करने से गंध आती है, जिससे जानवर फ़सल को नहीं खाते हंै।
  • नीमास्त्र का इस्तेमाल कवकनाशी के रूप में भी किया जा सकता है।
  • नीमास्त्र मधुमक्खियों और भृंगों जैसे लाभकारी कीटों के लिए सुरक्षित है।
  • नीमास्त्र रासायनिक कीटनाशकों के मुकाबले सस्ता होता है।
  • नीमास्त्र का छिड़काव करने से तैयार हुई उपज पूरी तरह से जैविक होती है।
  • नीमास्त्र का इस्तेमाल आलू, गन्ना, धान, गेहूं सहित सब्जिय़ों पर भी किया जा सकता है।

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