पिछले साल मेरे आलू और प्याज की उत्पादकता में गिरावट आई थी। क्या कोई ऐसा उत्पादहै जो उत्पादकता बढ़ाने में मदद कर सकता है?
23 सितम्बर 2025, भोपाल: पिछले साल मेरे आलू और प्याज की उत्पादकता में गिरावट आई थी। क्या कोई ऐसा उत्पाद है जो उत्पादकता बढ़ाने में मदद कर सकता है? – यदि पिछले साल आपके आलू और प्याज की फसल में उत्पादकता कम रही थी, तो इसके पीछे पोषक तत्वों की कमी, असमान वृद्धि, या गलत उर्वरक प्रबंधन जैसी कई वजहें हो सकती हैं। इन समस्याओं का समाधान श्रीराम ड्रिपइट वेजिटेबल्स – Grade I और श्रीराम ड्रिपइट वेजिटेबल्स – Grade II उर्वरक के उपयोग से किया जा सकता है। यह ड्रिप द्वारा प्रयोग के लिए विशेष रूप से विकसित उत्पाद है, जो पौधों को NPK के साथ-साथ आवश्यक द्वितीयक और चिलेटेड सूक्ष्म पोषक तत्व भी प्रदान करता है ।
श्रीराम ड्रिपइट वेजिटेबल्स – I को सब्ज़ियों की प्रारंभिक यानी वानस्पतिक वृद्धि में प्रयोग किया जाता है। इसमें NPK (18:15:16) के साथ-साथ 4% सल्फर, 0.1% बोरॉन और ट्रेस माइक्रोनुट्रिएंट्स होते हैं, जो पौधों को तीव्र वृद्धि और स्वस्थ जड़ प्रणाली विकसित करने में मदद करते हैं।
श्रीराम ड्रिपइट वेजिटेबल्स – II को फूल आने की अवस्था से लेकर फल विकास और कटाई तक प्रयोग किया जाता है। इसका वैज्ञानिक डिज़ाइन उच्च पोटाश के साथ संतुलित नाइट्रेट नाइट्रोजन और सल्फर की उपलब्धता सुनिश्चित करता है, जिससे आलू और प्याज़ के आकार, वजन, रंग और गुणवत्ता में वृद्धि होती है । यह आदर्श पोषण अनुपात किसानों को उनकी उपज के लिए बाज़ार में सर्वोच्च दाम दिलाने में मदद करती है!
आलू के लिए अनुशंसित डोज़ :
उर्वरक | प्रयोग अवस्था | डोज़ (कुल) | प्रतिदिन प्रति एकड़ डोज़ |
ड्रिपइट वेजिटेबल्स – I | 10-35 दिन (ट्युबर प्रारंभिक अवस्था) | 25 किग्रा | 1 किग्रा |
ड्रिपइट वेजिटेबल्स – II | 35-65 दिन (ट्युबर विकास अवस्था) | 50 किग्रा | 1.75 किग्रा |
प्याज के लिए अनुशंसित डोज़ :
उर्वरक | प्रयोग अवस्था | डोज़ (कुल) | प्रतिदिन प्रति एकड़ डोज़ |
ड्रिपइट वेजिटेबल्स – I | 10-60 दिन (वानस्पतिक वृद्धि) | 50 किग्रा | 1 किग्रा |
ड्रिपइट वेजिटेबल्स – II | 61-135 दिन (फूल से कटाई तक) | 75 किग्रा | 1 किग्रा |
[SD1] नोट्स:
- ड्रिपइट उत्पादों के साथ बेसल उर्वरक में कोई कटौती न करें।
- इन उर्वरकों के साथ कैल्शियम नाइट्रेट और मैग्नीशियम सल्फेट का उपयोग किया जा सकता है, लेकिन इन्हें एक साथ न मिलाएं।
- अन्य सभी NPK और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स हटाकर लागत में बचत की जा सकती है।
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