मूंग किसानों के लिए बाज़ार से जोड़ने की रणनीतियाँ
16 मई 2025, नई दिल्ली: मूंग किसानों के लिए बाज़ार से जोड़ने की रणनीतियाँ – उत्तर भारत में गर्मियों की मूंग फसल अब कटाई के करीब है और किसान अच्छी कीमत पाने के लिए खरीदारों की तलाश में हैं। यदि उचित बाज़ार योजना न हो तो किसानों को मजबूरी में कम दाम पर फसल बेचनी पड़ सकती है।
मूंग की कटाई तब करनी चाहिए जब 80–85% फलियाँ काली या भूरी हो जाएं। इससे फलियों के फटने की समस्या नहीं होती। कटाई के बाद फसल को छांव में सुखाकर जूट या सांस लेने वाले बैग में संग्रहित करना चाहिए ताकि फफूंदी न लगे।
सरकार की मूल्य समर्थन योजना (PSS) के तहत NAFED जैसे संगठन न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर मूंग की खरीद करते हैं। किसान अपने जिले में क्रय केंद्रों की जानकारी समय रहते प्राप्त कर लें और यदि पंजीकरण की आवश्यकता हो तो उसे पूरा कर लें।
एफपीओ (किसान उत्पादक संगठन) के माध्यम से किसान सामूहिक रूप से फसल बेच सकते हैं जिससे बेहतर दाम मिलते हैं और परिवहन खर्च भी कम होता है।
ई-नाम जैसे प्लेटफॉर्म से किसान सीधे अन्य राज्यों के खरीदारों से जुड़ सकते हैं। ऐसे प्लेटफॉर्म की जानकारी और पहुँच बढ़ाने की आवश्यकता है।
जिन जिलों में उत्पादन अधिक होता है, वहां निजी व्यापारी अक्सर कटाई के आरंभ में बेहतर कीमत देते हैं। किसान मंडियों, व्यापारियों और एफपीओ से मिल रही दरों की तुलना करके फसल बेचें।
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