पुदीना की खेती भी होती है किसानों के लिए लाभदायक
28 फ़रवरी 2025, भोपाल: पुदीना की खेती भी होती है किसानों के लिए लाभदायक – पुदीना की खेती करने से भी किसानों को लाभ मिलता है और यही कारण है कि मौसम के अनुसार किसान अपने खेतों में पुदीने का उत्पादन करते है। पुदीना का उपयोग न केवल चटनी आदि में होता है वहीं गर्मी के मौसम में तो गन्ने के रस में भी पुदीना का उपयोग होता है। हालांकि पुदीना को सुखाकर भी रख लिया जाता है ताकि इसका उपयोग वर्षभर किया जा सके।
उपजाऊ और जल निकासी वाली मिट्टी सबसे उपयुक्त
पुदीने की खेती के लिए उपजाऊ और जल निकासी वाली मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है। भारी एवं चिकनी मिट्टी में इसका उत्पादन अच्छा नहीं होता। इसके लिए भूमि का पीएच मान 6 से 7.5 के बीच होना चाहिए। जलवायु की दृष्टि से समशीतोष्ण क्षेत्र पुदीने की खेती के लिए आदर्श हैं। इसे जायद और खरीफ दोनों मौसमों में उगाया जा सकता है, लेकिन सर्दियों में पाला पड़ने से फसल को नुकसान हो सकता है। अंकुरण के लिए तापमान 20-25°C, उचित विकास के लिए 30°C, अधिकतम सहनशीलता 40°C होना चाहिए।
क्या करना होगा किसानों को
खेत की गहरी जुताई कर उसे कुछ दिन खुला छोड़ दें। फिर खेत में गोबर की खाद मिलाकर जुताई करें और मिट्टी को समतल करें। डेढ़ से दो महीने पहले नर्सरी में पौध तैयार करें। जब पौधे तैयार हो जाएं, तो इन्हें तैयार खेत की क्यारियों में रोपित करें।
इस बात का रखें ध्यान
मिट्टी में नमी बनाए रखना आवश्यक है। गर्मी में हर 2-3 दिन में हल्की सिंचाई करें। सर्दी में 15 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करें। प्रति एकड़ 15-20 गाड़ी सड़ी गोबर की खाद डालें। अंतिम जुताई के समय एन.पी.के. उर्वरक का प्रयोग करें। फसल के बढ़ने के बाद तीसरी-चौथी सिंचाई के साथ 20 किलो नाइट्रोजन डालें। खरपतवार नियंत्रण का विशेष ध्यान दें।
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