फसल की खेती (Crop Cultivation)

IARI की चेतावनी: गेहूं, चना और सब्जियों की फसलों में यह गलती न करें!

03 फ़रवरी 2025, नई दिल्ली: IARI की चेतावनी: गेहूं, चना और सब्जियों की फसलों में यह गलती न करें! – भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI), नई दिल्ली ने 31 जनवरी 2025 को आगामी सप्ताह (5 फरवरी 2025 तक) के लिए मौसम आधारित कृषि परामर्श जारी किया है। यह परामर्श किसानों को फसलों की देखभाल और खेती के कार्यों को मौसम के अनुकूल तरीके से संचालित करने में मदद करेगा। आइए जानते हैं मुख्य सिफारिशें, पिछले सप्ताह का मौसम, और आगामी पूर्वानुमान।

कृषि वैज्ञानिकों की मुख्य सिफारिशें

आने वाले दिनों में हल्की वर्षा की संभावना को ध्यान में रखते हुए सभी खड़ी फसलों में उचित प्रबंधन करें। खासतौर पर सिंचाई और छिड़काव से पहले मौसम की स्थिति पर विचार करें।

गेहूं की फसल में देखभाल और कीट नियंत्रण: यदि गेहूं की फसल में दीमक का प्रकोप दिखाई दे, तो किसान क्लोरपायरीफॉस 20 ईसी @ 2.0 लीटर प्रति एकड़ 20 किलोग्राम बालू में मिलाकर खेत में शाम के समय छिड़काव करें। इसके अलावा, रोगों की निगरानी करें, विशेषकर रतुआ का ध्यान रखें। पीला रतुआ 10-20 डिग्री सेल्सियस तापमान पर फैलता है, जबकि भूरा रतुआ 15-25 डिग्री सेल्सियस के साथ नम जलवायु में अधिक सक्रिय होता है। काला रतुआ 20 डिग्री सेल्सियस से ऊपर के तापमान और शुष्क जलवायु में बढ़ता है। यदि रतुआ का संक्रमण दिखे, तो डाइथेन एम-45 (2.5 ग्राम/लीटर पानी) का छिड़काव करें।

चना की फसल में कीट प्रबंधन: फली छेदक कीट की निगरानी के लिए 3-4 फेरोमोन ट्रैप प्रति एकड़ उन खेतों में लगाएं, जहां पौधों में 40-45% फूल खिल चुके हों। पक्षियों द्वारा कीट नियंत्रण को बढ़ावा देने के लिए “T” आकार के पक्षी बसेरे खेत में विभिन्न स्थानों पर स्थापित करें।

भिंडी की अगेती बुवाई: इस सप्ताह तापमान को देखते हुए भिंडी की अगेती बुवाई की जा सकती है। इसके लिए ए-4, परभनी क्रांति और अर्का अनामिका जैसी उन्नत किस्मों का चयन करें। खेत को पलेवा करके देसी खाद डालकर तैयार करें। बीज की मात्रा 10-15 किलोग्राम प्रति एकड़ रखें।

रबी फसलों और सब्जियों में मधुमक्खियों का योगदान: रबी फसलों और सब्जियों में मधुमक्खियों की भूमिका परागण में अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। किसानों को मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देना चाहिए और दवाइयों का छिड़काव सुबह या शाम के समय ही करना चाहिए, ताकि परागणकर्ता कीटों को नुकसान न पहुंचे।

सब्जियों की रोपाई और प्रबंधन: कद्दूवर्गीय सब्जियों, मिर्च, टमाटर और बैंगन की पौध को नर्सरी में तैयार करें। साथ ही, तैयार पौधों की रोपाई कर सकते हैं। बीजों की व्यवस्था किसी प्रमाणित स्रोत से ही करें।

आलू की फसल में रोग नियंत्रण: मौसम के अनुसार किसानों को सलाह दी जाती है कि वे आलू की फसल में पछेती झुलसा रोग की नियमित निगरानी करें। यदि इस रोग के प्रारंभिक लक्षण दिखें, तो केप्टान @ 2 ग्राम/लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।

पालकधनिया और मेथी की बुवाई: किसान एकल कटाई हेतु पालक (ज्योति), धनिया (पंत हरितमा) और मेथी (पी.ई.बी, एच एम-1) की बुवाई कर सकते हैं। पत्तों के विकास के लिए 20 किलोग्राम यूरिया प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें।

कीट नियंत्रण और फसल प्रबंधन: गोभीवर्गीय फसलों में हीरा पीठ इल्ली, मटर में फली छेदक और टमाटर में फल छेदक की निगरानी हेतु 3-4 फेरोमोन ट्रैप प्रति एकड़ खेतों में लगाएं। गाजर, मूली, चुकंदर और शलजम की फसल की निराई-गुड़ाई करें और चेपा कीट की निगरानी रखें।

मटर और टमाटर में कीट नियंत्रण: मटर की फसल में फली छेदक और टमाटर की फसल में फल छेदक कीट की निगरानी के लिए 3-4 फेरोमोन ट्रैप प्रति एकड़ लगाएं। यदि कीटों की संख्या अधिक हो, तो बीटी जैविक कीटनाशक का छिड़काव करें।

गेंदे की फसल में रोग प्रबंधन: इस मौसम में गेंदे की फसल में फूल सड़न रोग का खतरा बढ़ जाता है। यदि इसके लक्षण दिखाई दें, तो बाविस्टिन 1 ग्राम/लीटर अथवा इंडोफिल-एम 45 @ 2.0 मिली/लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।

आम के बागों में मिली बग नियंत्रण: इस मौसम में मिली बग के बच्चे जमीन से निकलकर आम के तनों पर चढ़ते हैं। इसे रोकने के लिए किसान जमीन से 0.5 मीटर की ऊंचाई पर आम के तने के चारों ओर 25-30 सेमी चौड़ी अल्काथीन की पट्टी लपेटें। तने के पास की मिट्टी की खुदाई करें, जिससे उनके अंडे नष्ट हो जाएं।

बीते सप्ताह का मौसम (25 से 31 जनवरी 2025)

पिछले सप्ताह के दौरान सुबह हल्की धुंध रही। दिन का अधिकतम तापमान 21.4 से 26.1 डिग्री सेल्सियस (साप्ताहिक सामान्य 19.6 डिग्री सेल्सियस) और न्यूनतम तापमान 4.1 से 10.0 डिग्री सेल्सियस (साप्ताहिक सामान्य 6.6 डिग्री सेल्सियस) दर्ज किया गया। सुबह के समय सापेक्षिक आर्द्रता 86 से 95 प्रतिशत और दोपहर में 58 से 71 प्रतिशत रही। इस दौरान औसतन 8.0 घंटे प्रतिदिन धूप खिली रही, जो साप्ताहिक सामान्य 4.9 घंटे से अधिक थी। हवा की औसत गति 4.2 किमी/घंटा रही, जबकि साप्ताहिक सामान्य गति 3.8 किमी/घंटा थी। वाष्पीकरण की औसत दर 3.0 मिमी (साप्ताहिक सामान्य 2.3 मिमी) प्रति दिन रही।

आगामी मौसम पूर्वानुमान (से फरवरी 2025)

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग, नई दिल्ली के अनुसार, आगामी सप्ताह में सुबह के समय धुंध और आंशिक रूप से बादल छाए रहने की संभावना है। 4 फरवरी को हल्की बारिश हो सकती है। अधिकतम तापमान 19 से 26 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 10 से 13 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है। सुबह की सापेक्षिक आर्द्रता 92% से 98% और दोपहर में 60% से 70% के बीच रह सकती है। हवा की गति 5 से 12 किमी/घंटा रहने की संभावना है और दिशा उत्तर, पश्चिम-उत्तर-पश्चिम और पूर्व-उत्तर-पूर्व हो सकती है। इस दौरान साप्ताहिक संचयी वर्षा 8.0 मिमी तक हो सकती है।

किसानों से अनुरोध किया जाता है कि वे फसल सुरक्षा और सिंचाई से संबंधित कार्यों को मौसम के अनुसार ही करें, ताकि अधिकतम उत्पादन सुनिश्चित किया जा सके।

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