भारत में बासमती धान की नर्सरी तैयारी और बीज शोधन पर IARI की सिफारिशें
17 जून 2025, नई दिल्ली: भारत में बासमती धान की नर्सरी तैयारी और बीज शोधन पर IARI की सिफारिशें – भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) ने किसानों को धान की नर्सरी की तैयारी शुरू करने की सलाह दी है ताकि रोपाई के समय स्वस्थ पौध तैयार मिलें। एक हेक्टेयर धान की खेती के लिए लगभग 800 से 1000 वर्ग मीटर की नर्सरी पर्याप्त मानी जाती है। उचित नर्सरी प्रबंधन से पौधों की प्रारंभिक वृद्धि अच्छी होती है और फसल की गुणवत्ता भी बेहतर होती है।
IARI के अनुसार, बीज बोने से पहले कैप्टन फफूंदनाशक से बीज शोधन करना आवश्यक है। इसे 2 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज की दर से मिलाना चाहिए। इस उपचार से बीजों को प्रारंभिक अवस्था में लगने वाले फफूंद रोगों से सुरक्षा मिलती है और अंकुरण भी अच्छा होता है।
IARI ने उच्च उपज देने वाली बासमती किस्मों के चयन पर विशेष जोर दिया है। इनमें पूसा बासमती 1509, पूसा बासमती 1985, पूसा बासमती 1979, पूसा बासमती 1692, पूसा बासमती 1885, पूसा बासमती 1847, पूसा 44, पूसा बासमती 1718, पूसा बासमती 1637, पूसा सुगंधा-5, पूसा सुगंधा-4 (पूसा 1121), पंत धन-4 और पंत धन-10 प्रमुख हैं। इन किस्मों से उपज बेहतर मिलती है और बाजार में भी अच्छा मूल्य प्राप्त होता है।
IARI ने किसानों को प्रमाणित एजेंसियों से बीज खरीदने की भी सलाह दी है। प्रमाणित बीज शुद्धता, उच्च अंकुरण दर और रोग प्रतिरोधक क्षमता सुनिश्चित करते हैं, जिससे फसल उत्पादन में सुधार होता है।
IARI द्वारा सुझाए गए इन उपायों को अपनाकर किसान सुरक्षित और अधिक उपज प्राप्त कर सकते हैं।
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