राज्य कृषि समाचार (State News)फसल की खेती (Crop Cultivation)

सोयाबीन की फसल को खराब होने से बचाने हेतु आवश्यक सुझाव

27 सितम्बर 2024, इंदौर: सोयाबीन की फसल को खराब होने से बचाने हेतु आवश्यक सुझाव – इंदौर जिले के किसानों से वर्तमान बारिश के मौसम की स्थिति को ध्यान में रखते हुए किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा सुझाव जारी किए गए  हैं । कृषकों द्वारा इन सामान्य सुझावों का पालन कर फसल को खराब होने से बचाव के उपाय किए जा सकते हैं ।

बताया कि सोयाबीन की कटाई-गहाई करने से लेकर भण्डारण करने तक सामान्य सावधानियां बरतनी चाहिए। जिसमें सोयाबीन की 90 प्रतिशत फलियों का रंग  पीला  पड़ने पर फसल की कटाई करें, इससे बीज के अंकुरण क्षमता पर विपरीत प्रभाव नहीं पड़ता है। उचित समय पर फसल की कटाई करें जिससे फलियों के चटकने से नुकसान या फलियों के अंकुरित होने में बीज की गुणवत्ता में आने वाली कमी से बचा जा सके। सोयाबीन की कटी हुई फसल को धूप में सुखाने के पश्चात गहाई करें, तुरंत गहाई करना संभव नहीं होने की स्थिति में बारिश से बचाने हेतु फसल को सुरक्षित स्थान पर इकठ्ठा करें।

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 साथ ही बताया गया कि आगामी वर्ष बीज के रूप में उपयोगी सोयाबीन की फसल की गहाई 350 में 400 आर.पी.एम. पर करें, जिससे बीज की गुणवत्ता पर विपरीत प्रभाव नहीं पड़े। भण्डार गृह ठंडा, हवादार कीट व नमी रहित होना चाहिये। यदि संभव हो, तो भंडार गृह में लकड़ी के प्लेटफॉर्म बनाकर सोयाबीन के बोरों को खड़ा रखें। यदि बोरियों की थापी लगाकर भण्डारण करना हो, तो यह ध्यान रखें  कि 3- 4 बोरियों में अधिक या 5  फीट  की उँचाई तक ही  थप्पियां  लगाएं  जिससे सोयाबीन की अंकुरण क्षमता प्रभावित न हो। भण्डारण करते समय सोयाबीन के बोरों को प्लेटफॉर्म पर सावधानीपूर्वक रखें एवं ऊंचाई से नहीं पटकें। भण्डार गृह की दीवार में नमी आने पर सोयाबीन बीज को फफूंद/रोगों के संक्रमण से बचाने के लिए यह भी ध्यान रखें कि सोयाबीन से भरे थैले को दीवार से थोड़ी दूरी पर रखें, सीधे संपर्क में न रखें।

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