फसल की खेती (Crop Cultivation)

मूंगफली की पत्तियां पीली पड़ने पर करें ये निदान

10 सितम्बर 2024, भोपाल: मूंगफली की पत्तियां पीली पड़ने पर करें ये निदान – मूंगफली में जड़ एवं तना सड़न रोग- इस रोग के कारण पौधे पीले पड़कर सूख रहे हैं। इसके उपचार हेतु पूर्व मिश्रित फ्लूसिलाजोल 12.5 प्रतिशत, कार्बेन्डाजिम 25 प्रतिशत, एस. ई. की 2 मिली मात्रा प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव करें।

मूंगफली की पत्तियां पीली पड़ना- मूंगफली की फसल सल्फर की कमी के कारण पीली पड़ रही हैं. इसके उपचार के लिए घुलनशील सल्फर ४० प्रतिशत डब्लूडीजी की 3 ग्राम मात्रा प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर 8 से 10 दिनों की अन्तराल पर दो बार छिड़काव करें।

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सोयाबीन फसल में पीलापन- ढलान वाली एवं कम उपजाऊ वाले खेतों में पोषक तत्वों की कमी के कारण सोयाबीन की फसल पीली पड़ रही है। इसके उपचार के लिए जल में घुलनशील उर्वरक 18:18:18 या 19:19:19 या 0:2:34 कि 5 ग्राम मात्रा प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाकर के छिड़काव करें।

सोयाबीन में गर्डल बीटल एवं पती खाने वाले कीट- कीटों के नियंत्रण हेतु क्लोरएंट्रानिलिनील 18.5 प्रतिशत एससी की 150 मिली मात्रा या पूर्व मिश्रित कीटनाशक थाईमेथोक्साम 12.6 प्रतिशत लेम्हा साईहिलोधिन 9.5 प्रतिशत एससी की 125 मिली मात्रा 500 लीटर पानी में घोल बनाकर के प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें।

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सोयाबीन फसल की कहीं-कहीं ज्यादा बढ़वार- अगर किसान बढ़वार को रोकना चाहते हैं तो मेपिक्काटक्लोराइड 5 प्रतिशत ए.एस. की 1000 मिली लीटर मात्रा 500 लीटर पानी में घोल बनाकर के प्रति हेक्टेयर की दर से फूल आने की अवस्था में एक छिड़काव कर सकते हैं।

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मक्का की फसल में इल्ली- नियंत्रण के लिए स्पाईनिटोरम 11.7 प्रतिशत एससी की 6 एमएल मात्रा या मेटाराइजियम एनिसीप्लाए की 100 ग्राम मात्रा प्रति पंप (20 लीटर पानी में घोल बनाकर के छिड़काव करें तथा फेरोमेन ट्रेप एवं लाइट ट्रैप खेत में लगायें।

टमाटर में पती धब्बा रोग- नियंत्रण के लिए पूर्व मिश्रित कवकनाशी एजोक्सीस्ट्रोबिन 18.5 प्रतिशत, डाईफेनाकोनाजोल 11.4 प्रतिशत की 20 मिली लीटर मात्रा प्रति पंप 20 लीटर पानी और पतझड़ क्षेत्र प्रबंधन के लिए गोल आकार में छिड़काव करें हेलील्योर केरोमोन ट्रैप 3 प्रति बीधा की दर से लगाएं।

सब्जियों में फल छेदक इल्ली- करेत्व, लौकी, गिलकी, तोरई आदि बेलवर्गीय फसलों में फलों को छेद कर खराब करने वाली इली को नियंत्रित करने के लिए क्यूकुर 3 से 4 प्रति बीघा की दर से लगायें तथा सफेद मक्खी के नियंत्रण के लिए पीली चिमविपा ट्रैप 5 से 10 प्रति बीघा की दर से लगायें। भिडी और बैंगन में फल तथा कोपलों में छेद करने वाली इबी के नियंत्रण के लिए फेरोमोन टैप तीन प्रति बीघा की दर से लगायें तथा पूर्व मिश्रित कीटनाशक क्लोरएन्ट्रानिलिप्रॉल 09.30 प्रतिशत, लैम्छा साइहेलोबिन 04.60 प्रतिशत जेड.सी. की 8 मिली मात्रा प्रति 20 लीटर पानी में घोल बनाकर के छिड़काव करें।

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