धानुका किरारी (Kirari) फफूंदनाशक: काम करने का तरीका, अनुमोदित फसलें, अनुशंसित मात्रा
14 फ़रवरी 2025, नई दिल्ली: धानुका किरारी (Kirari) फफूंदनाशक: काम करने का तरीका, अनुमोदित फसलें, अनुशंसित मात्रा – धानुका किरारी (Kirari) फफूंदनाशक एक स्पर्शीय, रक्षात्मक फफूंदीनाशक है जिसका उपयोग आलू की फसल में पछेती झुलसा (फाइटोफथोरा इन्फेस्टेन्स) और अंगूर की फ़सल में मृदुला आसिता (प्लास्मोपारा विटिकोला) बिमारियों की रोकथाम के लिये किया जाता है। जब बीमारीयों का प्रकोप होने पर आर्थिक नुक्सान होने की संभावना हो, फसल की वृद्धि के किसी भी चरण में किरारी का छिड़काव किया जा सकता है।
काम करने की तरीका
यह निवारक और उपचारात्मक कार्रवाई वाला एक संपर्क और स्थानीय रूप से प्रणालीगत कवकनाशी है और कवक के माइटोकॉन्ड्रियल श्वसन को रोकता है। यह क्यूई साइट पर कॉम्प्लेक्स III, साइटोक्रोम BC1 (यूबिक्विनोन रिडक्टेस) को लक्षित करता है।
फ़सल | नीदा / रोग | उपयोग मात्रा (मि.ली./एकड़) |
अंगूर | डाउनी फफूंदी | 150 मिली |
आलू | आलू का पछेती झुलसा रोग | 200 मिली |
पैक साइज
150 मिली
विशेषताएं और लाभ
- कवकजाल की वृद्धि पर स्पष्ट प्रभावी नियंत्रण।
- यह 2-3 स्प्रे बचा सकता है क्योंकि किरारी लंबी अवधि तक नियंत्रण प्रदान करता है।
- जिस पौधे में किरारी का छिड़काव होता है उसमें पौधे स्वस्थ और उपज भी स्वस्थ होती है।
- अधिक स्वस्थ और हरे पत्ते।
- मजबूत सीधे और जोरदार पौधे।
- संपर्क और स्थानीय रूप से सर्वांगी
- पर्यावरण की दृष्टि से सुरक्षितः मधुमक्खियों के लिए सुरक्षित
- इसका पौधे पर अतिरिक्त सकारात्मक प्रभाव पड़ता है
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