फसल की खेती (Crop Cultivation)

कृषि सलाह: मध्य भारत के राज्यों के लिए उच्च उपज वाली सोयाबीन किस्में

अनुशंसित बुआई का समय: जून का दूसरा सप्ताह से जुलाई का पहला सप्ताह

24 मई 2025, नई दिल्ली: कृषि सलाह: मध्य भारत के राज्यों के लिए उच्च उपज वाली सोयाबीन किस्में – सोयाबीन की बुआई के लिए जून के दूसरे सप्ताह से जुलाई के पहले सप्ताह तक का समय सबसे उपयुक्त माना जाता है। हालांकि, किसानों को सलाह दी जाती है कि बुआई केवल मानसून की अच्छी बारिश (कम से कम 100 मिमी वर्षा) के बाद ही करें, ताकि मिट्टी में पर्याप्त नमी सुनिश्चित हो सके।

उपज स्थिरता के लिए गहरी गर्मी की जुताई तीन वर्षों में एक बार करना लाभकारी होता है। यदि आपने अभी तक यह कार्य नहीं किया है तो जल्द करें और दो बार क्रॉस हैरोइंग तथा एक बार पाटा लगाएं।

मध्य प्रदेश: उच्च उपज देने वाली सोयाबीन की किस्में

मध्य प्रदेश के किसानों को वर्षा की पर्याप्तता के बाद ही बुआई करने की सलाह दी जाती है।

  • केंद्र द्वारा अधिसूचित किस्में: NRC 165, JS 22-12, JS 22-16, NRC 150, NRC 152, JS 21-72, RVSM 2011-35, NRC 138, EMS 100-39, RVS 76, NRC 142, NRC 130, MACS 1520, RSC 10-46, RSC 10-52, AMS-M-B-5-18, AMS 1001, JS 20-116, JS 20-94, JS 20-98, NRC 127
  • राज्य द्वारा अनुशंसित किस्में: NRC 157, NRC 131, NRC 136

ये किस्में वर्षा आधारित और सिंचित दोनों परिस्थितियों के लिए उपयुक्त हैं।

महाराष्ट्र: अधिक उत्पादन देने वाली सोयाबीन किस्में

महाराष्ट्र के किसान बुआई से पहले 100 मिमी वर्षा का इंतजार करें।

  • केंद्र द्वारा अधिसूचित किस्में: NRC 165, JS 22-12, JS 22-16, NRC 150, NRC 152, JS 21-72, RVSM 2011-35, NRC 138, EMS 100-39, RVS 76, NRC 142, NRC 130, MACS 1520, RSC 10-46, RSC 10-52, AMS-M-B-5-18, AMS 1001, JS 20-116, JS 20-94, JS 20-98, NRC 127
  • राज्य द्वारा अनुशंसित किस्में: MAUS 725, फुले दुर्वा (KDS 992)

इन किस्मों ने महाराष्ट्र की विभिन्न जलवायु स्थितियों में अच्छा प्रदर्शन किया है।

गुजरात: उपज बढ़ाने वाली बेहतरीन सोयाबीन किस्में

गुजरात में किसान अच्छी वर्षा के बाद बुआई करें और गहरी जुताई के बाद खेत को समतल तैयार करें।

  • अनुशंसित किस्में: NRC 165, JS 22-12, JS 22-16, NRC 150, NRC 152, JS 21-72, RVSM 2011-35, NRC 138, EMS 100-39, RVS 76, NRC 142, NRC 130, MACS 1520, RSC 10-46, RSC 10-52, AMS-M-B-5-18, AMS 1001, JS 20-116, JS 20-94, JS 20-98, NRC 127

ये किस्में गुजरात के विभिन्न कृषि-जलवायु क्षेत्रों के लिए अनुकूल हैं।

राजस्थान: अधिक उत्पादकता के लिए सोयाबीन बीज की सिफारिश

राजस्थान में किसान वर्षा के बाद जून-जुलाई के बीच बुआई करें।

  • अनुशंसित किस्में: NRC 165, JS 22-12, JS 22-16, NRC 150, NRC 152, JS 21-72, RVSM 2011-35, NRC 138, EMS 100-39, RVS 76, NRC 142, NRC 130, MACS 1520, RSC 10-46, RSC 10-52, AMS-M-B-5-18, AMS 1001, JS 20-116, JS 20-94, JS 20-98, NRC 127

इन किस्मों में रोग प्रतिरोधक क्षमता के साथ-साथ अच्छी उपज देने की क्षमता भी है।

उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र: वर्षा आधारित खेती के लिए उपयुक्त किस्में

बुंदेलखंड क्षेत्र में किसानों को सलाह दी जाती है कि अच्छी वर्षा के बाद ही सोयाबीन की बुआई करें।

  • अनुशंसित किस्में: NRC 165, JS 22-12, JS 22-16, NRC 150, NRC 152, JS 21-72, RVSM 2011-35, NRC 138, EMS 100-39, RVS 76, NRC 142, NRC 130, MACS 1520, RSC 10-46, RSC 10-52, AMS-M-B-5-18, AMS 1001, JS 20-116, JS 20-94, JS 20-98, NRC 127

ये किस्में सूखा प्रतिरोधी और क्षेत्र की जलवायु के अनुकूल हैं।

अपनी राज्य के अनुसार सही सोयाबीन किस्म चुनें

सोयाबीन की सही किस्म का चयन कर किसान न केवल उत्पादन बढ़ा सकते हैं बल्कि मुनाफा भी सुनिश्चित कर सकते हैं। समय पर बुआई, उपयुक्त जुताई, और अनुशंसित उच्च उपज देने वाली किस्मों का चयन करें। अधिक जानकारी के लिए अपने नजदीकी कृषि विभाग से संपर्क करें।

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.en.krishakjagat.org

Advertisements