हवादार, ठंडा रखें भैंसों का घर
आवास प्रबंधन: भैंसों का बाड़ा ऊंचाई पर स्थित होने के अलावा रोशनीदार हवादार, ठंडा तथा सूखा होना चाहिए. बाड़ा खुला होना चाहिए और चारों कोनों में ईट क्रॉकीट या लोहा या अन्य चीजों के खंबे होने चाहिए. उन पर लकड़ी, लोहा या अन्य मजबूत चीज का ढाँचा तथा उस पर सीमेंट अॅएबेस्टॉस या अन्य मजबूत लेकिन ज्यादा गर्म न होने वाली चीज का छत होना चाहिए. जमीन की सतह से छत की ऊंचाई 12 से 15 फीट होनी चाहिए. इससे बाड़े में स्थित गर्म हवा बाहर निकलकर ठंडी हवा अंदर आकर बाड़े का तापक्रम कम रहता है. फर्श सीमेंट कांक्रीट का पक्का होना चाहिए.
छत पर स्थित चादरें इतनी लंबी हो ताकि दीवारों की सतह से उनके बाहरी सिरे ढाई से तीन फीट बाहर निकले. इससे दीवारें ज्यादा गर्म नहीं होती. बाड़े के चारों ओर दिन में गर्मी के समय टाट,बोरी, बारदाने के मोटे पर्दे लगवाकर उन्हें पानी छिटककर गीला रखें. इससे बाहर की हवा छनकर ठंडी होकर बाड़े के भीतर प्रवेश करेगी तथा भीतरी तापमान में कमी आयेगी. छत के ऊपर सफेद रंग लगवाये या ऊपर घांस-फूस डलवायें या उस पर हरी-भरी बेलें चढ़वायें. इससे छत ठंडी रहेगी और बाड़े का तापमान भी कम रहेगा. बाड़े के तीन बगलों पर हरे-भरे घांस की क्यारियाँ जैसे बरसीम, लूसर्न, चौलाई आदि लगायें. इससे चारा प्राप्त होगा तथा आसपास का वातावरण (सूक्ष्म वातावरण) ठंडा रहेगा. इन क्यारियों पर पानी की फुहारें डलवायें तो और भी ठंडक मिलेगी. बाड़े के चारों ओर हरे-भरे, फैली हुई डालियों वाले घने छायादार वृक्ष जैसे बरगद, बादाम, आम, नीम आदि लगायें. भैंसों को ऐसे छायादार वृक्षों की ठंडी छांव में बैठना बहुत पसंद होता हैं तथा वह उनके स्वास्थ्य और अच्छी उत्पादन क्षमता के लिए काफी फायदेमंद होता है. भैंस फार्म की बाड़ के पास भी घनी झाडिय़ां जैसे बांस, सुबबूल आदि लगवायें.
आहार प्रबंधन: भैंसों के आहार में 60 प्रतिशत हरा चारा तथा 40 प्रतिशत सूखा चारा शामिल होना चाहिए. इन दोनों में फलीधारी चारा जैसे बरसीम, लूसर्न, चौलाई शामिल कर सकते हैं तथा मक्का, ज्वार या बाजरे का चारा भी शामिल कर सकते हैं. सूखा चारा दिन में न खिलायें बल्कि उसे शाम की रात को तथा सबेरे खिलायें. दिन में गर्मी के समय हरा चारा खिलायें. इससे भैंसों को ठंडक मिलेगी. उन्हें 3 से 4 छोटे चम्मच विटामिन मिश्रण कुट्टी में मिलाकर खिलायें. कुट्टी में 30 ग्राम सादा नमक डालें. इसके अलावा या तो कुट्टी में 30 ग्राम खनिज मिश्रण चूर्ण डालें या खनिज-ईट बाड़े में नांद के ऊपर टांग कर रखें जिसे चाटने से भैंस की खनिजों की प्राप्ति होगी.