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पशुपालन (Animal Husbandry)

पशुपालन व्यवसाय में प्रगति की राह पर राहुल

27 सितम्बर 2025, बुरहानपुर: पशुपालन व्यवसाय में प्रगति की राह पर राहुल – बुरहानपुर जिले में मुख्यमंत्री डेयरी प्लस योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है।  पशुपालन विभाग के तहत संचालित इस योजना  में जिले के 10 हितग्राहियों को 2-2 मुर्रा  भैंस  प्रदान की  गई  है। जिले के ग्राम  इच्छापुर  के पशुपालक श्री राहुल चौहान लाभान्वित हुए  हैं। राहुल, सरकारी योजनाओं की मदद से अपने पशुपालन व्यवसाय को बढ़ाकर तरक्की की ओर बढ़ रहे हैं ।

 मध्यप्रदेश सरकार की ‘‘मुख्यमंत्री डेयरी प्लस योजना’’ पशुपालन को बढ़ावा देकर किसानों और पशुपालकों की आय बढ़ाने में कारगर है। यह योजना स्वरोजगार के अवसर पैदा करने और राज्य को दूध उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए शुरू की गई है।इस योजना के तहत पशुपालकों को दुधारू पशु खरीदने के लिए 50 प्रतिशत से 75 प्रतिशत तक की सब्सिडी प्रदान की जाती है। जिसमें सामान्य/अन्य पिछड़ा वर्ग को 50 प्रतिशत व अनुसूचित जाति/जनजाति को 75 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है।मुख्यमंत्री डेयरी प्लस योजना अंतर्गत पशुपालकों को दो मुर्रा भैंसें उपलब्ध कराई जाती हैं, जिनकी दूध देने की क्षमता प्रतिदिन लगभग 10 लीटर होती है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना, रोजगार के अवसर सृजित करना एवं दूध उत्पादन को बढ़ावा देना है।सरकारी योजनाएं लाभार्थी को जीवन में आगे बढ़ने में मदद करती है।  

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 जिले के ग्राम  इच्छापुर  के पशुपालक श्री राहुल चौहान लाभान्वित हुए  हैं ।पशुपालक राहुल, सरकारी योजनाओं की मदद से अपने पशुपालन व्यवसाय को बढ़ाकर तरक्की की ओर बढ़ रहे है। वे आर्थिक रूप से मजबूत होकर आज अपने व्यवसाय के माध्यम से 6-7 लोगों को भी रोजगार देने में सक्षम हुए   हैं ।लाभार्थी राहुल ने इस योजना को सराहा है, उन्होंने कहा है कि, पशुपालन विभाग की योजनाओं के माध्यम से पशुपालकों एवं किसानों को काफी फायदा  पहुंच  रहा है। मुख्यमंत्री डेयरी प्लस योजना के तहत लाभार्थी को करनाल, हरियाणा से  लाई  गई दो मुर्रा भैंसें  प्रदान  की गई है।राहुल खेती-बाड़ी का कार्य भी करते है, वे बताते है कि, पशुपालन से उन्हें कृषि कार्य में मदद मिली है। अब वे रसायनिक खादों की बजाय गोबर खाद का इस्तेमाल अपने खेतों में करते है, उससे मिट्टी की उर्वरता तो बढ़ती ही है और उन्हें अच्छे उत्पाद भी प्राप्त हो रहे है। इस योजना से अप्रत्यक्ष रूप से जैविक खेती को भी बढ़ावा मिल रहा है।इसके अलावा राहुल अन्य पशुओं जिसमें 500 बकरियों और गाय का भी पालन करते हैं । राहुल आज एक सफल पशुपालक के तौर पर जाने जाते हैं, उनकी कहानी अन्य किसानों के लिए एक प्रेरणा है। वे दूसरे किसानों से  कहते हैं  कि, वे ज्यादा से ज्यादा पशुपालन करें,  इससे हमारी आय में वृद्धि और कृषि कार्य में सहयोग मिलता है।

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