पशुपालन (Animal Husbandry)

राजस्थान में – अश्ववंशीय पशुओं में ग्लैंडर्स रोग

4 ज़िलों को संक्रमित घोषित किया

04 मार्च 2023, जयपुर: राजस्थान में – अश्ववंशीय पशुओं में ग्लैंडर्स रोग – हाल ही में  राजस्थान में  जयपुर, झुंझुनू , अलवर एवं बीकानेर जिले में अश्व वंशीय पशुओं में ग्लैंडर्स रोग की पुष्टि हुई है। पशुपालन विभाग द्वारा इस मामले पर त्वरित कार्यवाही करते हुए चारों ज़िलों को संक्रमित क्षेत्र घोषित कर अश्व वंशीय पशुओं के आवागमन को प्रतिबन्ध किया है।

राजस्थान में – अश्ववंशीय पशुओं में ग्लैंडर्स रोग

इस मामले में अधिक जानकारी देते हुए राजस्थान पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ. भवानी सिंह राठौड़ ने बताया कि इस सम्बन्ध में आदेश जारी कर जयपुर, झुंझुनू , अलवर एवं बीकानेर जिले रोग प्रकोप चिन्हित किये गए है, रोग प्रभावित क्षेत्र के 25 किमी त्रिज्या में अवस्थित क्षेत्र से  अश्ववंशीय पशुओं का किसी भी प्रकार का एकत्रण एवं आवाजाही  प्रतिबंधित रहेगी ।

मेले में प्रवेश नहीं

उन्होंने कहा कि मार्च माह में बाड़मेर ज़िले में आयोजित किये जाने वाले मल्लिनाथ जी मेला, तिलवाड़ा में नेगटिव जाँच रिपोर्ट के आभाव में अश्व वंशीय पशुओं को मेला क्षेत्र में किसी भी हालत में प्रवेश नहीं दिया जायेगा।

प्रदेश में ग्लैंडर्स रोग की वर्तमान स्थिति पर जानकारी देते हुए संयुक्त निदेशक रोग एवं निदान डॉ.रवि इसरानी ने बताया कि अभी तक प्रदेश में विभाग के द्वारा 900 से अधिक सैम्पल्स विभिन्न ज़िलों से एकत्रित कर जाँच के लिए भेजे गए है। जिनमे से  6 घोड़ों में ग्लैंडर्स रोग की पुष्टि हुई है।  जिस पर विभाग द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए  रोग प्रकोपित घोड़ों को मानवीय तरीके से युथनाइज कर वैज्ञानिक रीती की अनुपालना करते हुए निस्तारण किया गया है। उन्होंने कहा कि इस रोग से प्रभावित अश्व वंशीय पशुओं के पशुपालकों को केंद्र सरकार द्वारा पूर्व में जारी निर्देशानुसार मुआवजा दिया जायेगा।

ग्लैंडर्स रोग क्या है ?

पशु चिकित्सक डॉ. सत्यनारायण मीणा के अनुसार  ग्लैंडर्स जीवाणु  जनित बीमारी है अगर किसी घोड़े को ये बीमारी होती है, तो उसके नाक से तेज म्यूकसनुमा  पानी बहने लगता है, शरीर में फफोले हो जाते हैं, सांस लेने में दिक्कत महसूस होने लगती है साथ ही बुखार आने के कारण घोड़ा सुस्त हो जाता है। एक जानवर से दूसरे जानवर में फैलने वाली यह  बीमारी  आमतौर पर घोड़ों में होती है।  इस बीमारी से बचाव के लिए अभी तक कोई भी दवा या टीका नहीं बना है।. अतः सामाजिक दूरी एवं बायो सेफ्टी उपाय ही बचाव के उपचार है।

महत्वपूर्ण खबर: गेहूँ मंडी रेट (02 मार्च 2023 के अनुसार)

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्राम )

Advertisements

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *