Animal Husbandry (पशुपालन)

प्रसव के बाद मादा पशु का रखरखाव

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  • डॉ. कृष्ण कुमार शर्मा,
    पशु चिकित्सा अधिकारी, भीलवाड़ा,
    झालावाड़ (राज.)

    E-mail-1992kksharma@gmail.com

 

23 अगस्त 2022, भोपाल  प्रसव के बाद मादा पशु का रखरखाव

प्रसव की अवस्थाएं

(1) प्रथम अवस्था में मादा पशु लगभग 10-12 घंटे का समय लेता है इस अवस्था में बच्चे की प्रथम पानी की थैली जिसे सामान्य भाषा में मटाडी कहते हैं बाहर निकलती हैं।
(2) द्वितीय अवस्था में बच्चा बाहर आता है, इस अवस्था में लगभग आधे से तीन घंटे का समय लग सकता है।
(3) तृतीय अवस्था में पलेसेंटा (जेर या मैली) बाहर आती है, इस अवस्था में लगभग 8-10 घंटे का समय लग सकता है।

पशुपालक इन बातों का ध्यान रखें

प्रसव होते समय मादा पशु को एकांत में छोड़ दें और सामान्य प्रसव होने दें।
कुछ पशुपालक जैसे ही बच्चे के पैर दिखाई देते है तो उनको खींचने लग जाते है तो इस दौरान ये जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए, पशु को आराम से ब्याने दें , जब बच्चे के दोनों पैर और सिर दिखाई देने लग जाए तब अगर आवश्यकता हो तो पशुपालक अपने हाथ को साबुन से धोकर बच्चे को बाहर खींच सकता हैं या कभी-कभार बच्चे के पैरों में रस्सी बांधकर भी खींच सकता है इस दौरान पशुपालक हाथों पर मिट्टी का उपयोग नहीं करें।

ब्याने में कठिनाइयां

अगर मादा पशु, प्रसव में ज्यादा समय ले रहा है लगभग 15 घंटे से ज्यादा समय और बार-बार जोर लगा रहा फिर भी बच्चा बाहर नहीं आ रहा है तो इस दौरान हो सकता है आपको बच्चे का केवल एक पैर ही दिखाई दे, या केवल बच्चे का सिर ही दिखाई दे तो इस दौरान बच्चे का पैर या सिर बच्चेदानी में मुड़ा हुआ हो सकता है या बच्चेदानी में आटा आया हुआ हो सकता है तो ऐसी स्थिति में नजदीकी पशु चिकित्सक से संपर्क करें।

मादा पशु की देखभाल

प्रसव के बाद माता को अपने बच्चे को चाटने दे और प्रसव के 1-2 घंटे में बच्चे को मां का दूध पिलाए ऐसा करने से माता के शरीर में ऑक्सीटोसिन का स्राव होता जिससे जेर जल्दी गिरने में सहायता मिलती है।

प्रसव के बाद मादा पशु को गुड़ अजवाइन का काढ़ा पिलाए एवम थोड़ी खल- काकडा थोड़ा गुड़ भी दे सकते हैं ये पशु को ऊर्जा प्रदान करते हैं, साथ ही साथ थोड़ा दलिया एवं मेथी उबाल कर दे सकते हैं।

प्रसव के बाद मादा पशु में मिल्क फीवर होने की संभावना होती है इससे बचने के लिए पशु का पूरा दूध एक साथ नहीं निकालें अगले 2-3 दिन तक थोड़ा-थोड़ा दूध उसकी लेवटी में छोड़े।

जेर नहीं गिरने पर क्या करें

सामान्यतया जेर लगभग प्रसव के 5-6 घंटे में गिर जाती हैं अगर जेर 8-12 घंटे तक भी नहीं गिरती है तो नजदीकी पशु चिकित्सक से संपर्क करें। कुछ पशुपालक जेर (प्लेसेंटा) के वजन बांध देते ह ऐसा करने से बच्चेदानी में सूजन आ जाती है जिससे उसकी प्लेसेंटा भी नही गिर पाती हैं तो ऐसा नहीं करें। प्लेसेंटा के नहीं गिरने की समस्या से बचने के लिए पशुपालक अपनी गाय भैंस को बाजार में कुछ युटेरोंटॉनिक आयुर्वेदिक दवाइयां मिलती है वो हल्के निवाया पानी में 250 मिली तक पीला सकते है।

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