पशुपालन (Animal Husbandry)

संतुलित पशु आहार से दुग्ध उत्पादन बढ़ाएं– विशेषज्ञों की विस्तृत सलाह

07 फ़रवरी 2025, भोपाल: संतुलित पशु आहार से दुग्ध उत्पादन बढ़ाएं– विशेषज्ञों की विस्तृत सलाह – कृषि विज्ञान केंद्र पोकरण द्वारा सेल्वी मे संतुलित पशु आहार प्रबंधन विषयक असंस्थागत प्रशिक्षण का आयोजन किया गया जिसमे 23 कृषकों ने प्रतिभाग किया। वैज्ञानिक दृष्टि से दुधारू पशुओं के शरीर के भार के अनुसार उसकी आवश्यकताओं जैसे जीवन निर्वाह, विकास तथा उत्पादन आदि के लिए आहार के विभिन्न तत्व जैसे प्रोटीन, कार्बोहायडे्रट्स, वसा, खनिज, विटामिन तथा पानी की आवश्यकता होती है। 

पशुपालन वैज्ञानिक डॉ राम निवास की सलाह

केंद्र के पशुपालन वैज्ञानिक डॉ राम निवास ने बताया कि आहार में पशु के आवश्यक पोषक तत्व उचित अनुपात तथा मात्रा में उपलब्ध हों तथा पशु को 24 घण्टों में खिलाया जाने वाला आहार जिसमें उनकी आवश्यकताओं की पूर्ति हेतू सभी तत्व मौजूद हों उसे संतुलित पशु आहार कहते हैं। उन्होने बताया कि ज्यादा बढ़वार, स्वास्थ्य, दुग्ध उत्पादन, प्रजनन आदि बनाये रखने हेतु संतुलित पशु आहार आवश्यक होता है । गाय  के 2.5  किलोग्राम दुग्ध उत्पादन पर 1 किग्रा, दाना देना चाहिए तथा बकरी को प्रतिदिन उसके भार का 3.5% शुष्क आहार खिलाना चाहिए तथा एक वयस्क बकरी को प्रतिदिन 1.3 किलोग्राम हरा चारा, 500 ग्राम से 1 किलोग्राम भूसा तथा 150 ग्राम से 400 ग्राम तक दाना और 10 से 20 ग्राम खनिज लवण खिलाना चाहिए। साथ ही सर्दियों में पशुओ को गुनगुना पानी कम से कम दिन मे तीन बार पिलाना चाहिए। 

पशुओं में आहार की मात्रा उसकी उत्पादकता तथा प्रजनन की अवस्था पर निर्भर करती है। पशु को कुल आहार का 2/3 भाग मोटे चारे से तथा 1/3 भाग दाने के मिश्रण द्वारा मिलना चाहिए। मोटे चारे में दलहनी तथा गैर दलहनी चारे का मिश्रण दिया जा सकता है। केन्द्र के सुनील शर्मा ने कृषि एवं पशु उत्पादों के मूल्य सवर्धन पर परिचर्चा की । दलहनी चारे की मात्रा आहार में बढने से काफी हद तक दाने की मात्रा कम किया जा सकता है। केंद्र के सस्य वैज्ञानिक डॉ के जी व्यास ने पशुओ के आहार मे हरे चारे के महत्व पर चर्चा करते हुये बताया कि खेजड़ी की लुंग, शहतूत, सहजन, नीम, अरडु व बबूल इत्यादि को खिलाने से बकरियों का स्वास्थय उतम रहता है । 

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