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PM आवास योजना: मध्यप्रदेश में सरकार दे रही घर बनाने के लिए पैसा, तुरंत करें आवेदन

06 फ़रवरी 2025, भोपाल: PM आवास योजना: मध्यप्रदेश में सरकार दे रही घर बनाने के लिए पैसा, तुरंत करें आवेदन – मध्यप्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 (PM Awas Yojna) को लागू करने की मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में इस प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई। योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर (EWS), निम्न (LIG) और मध्यम आय वर्ग (MIG) के पात्र परिवारों के लिए 5 वर्षों में 10 लाख आवासों का निर्माण किया जाएगा। इस पर अनुमानित खर्च 50,000 करोड़ रुपये होगा, जिसमें केंद्र और राज्य सरकार द्वारा 23,025 करोड़ रुपये अनुदान के रूप में दिए जाएंगे।

चार घटकों में बंटा योजना का ढांचा

PM आवास योजना-शहरी 2.0 के तहत घर उपलब्ध कराने के लिए चार प्रमुख घटक तय किए गए हैं:

  1. बेनेफिशियरी लेड कंस्ट्रक्शन (BLC) – EWS वर्ग के लाभार्थियों को अपनी जमीन पर खुद का घर बनाने के लिए 2.50 लाख रुपये तक की अनुदान राशि दी जाएगी। साथ ही, भूमिहीन परिवारों को आवासीय पट्टा दिया जाएगा ताकि वे इस योजना का लाभ उठा सकें।
  2. अफोर्डेबल हाउसिंग इन पार्टनरशिप (AHP) – नगरीय निकाय, सरकारी एजेंसियां और निजी डेवलपर मिलकर EWS वर्ग के लिए घर बनाएंगे। इस योजना में निजी डेवलपर्स की परियोजनाओं में घर खरीदने के लिए रिडीमेबल हाउसिंग वाउचर (RHV) दिए जाएंगे। AHP लोक परियोजनाओं में लाभार्थी, नगरीय निकाय और बैंक/एचएफसी के बीच त्रिपक्षीय अनुबंध के माध्यम से ऋण सुविधा दी जाएगी।
  3. अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग (ARH) – कामकाजी महिलाओं, औद्योगिक श्रमिकों, प्रवासी मजदूरों और छात्रों के लिए किराये पर घर उपलब्ध कराए जाएंगे।
  4. इंटरेस्ट सब्सिडी स्कीम (ISS) – EWS, LIG और MIG वर्ग के परिवारों को बैंक या हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों से लोन पर ब्याज अनुदान दिया जाएगा।

इन वर्गों को मिलेगी प्राथमिकता

योजना के तहत कल्याणी महिलाओं, सिंगल वूमेन, दिव्यांग, वरिष्ठ नागरिक, ट्रांसजेंडर, अनुसूचित जाति/जनजाति और अल्पसंख्यक समुदायों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके अलावा, सफाई कर्मचारी, स्ट्रीट वेंडर, कारीगर, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, निर्माण श्रमिक और मलिन बस्तियों में रहने वाले लोग भी योजना का लाभ ले सकेंगे।

मलिन बस्तियों के पुनर्विकास के लिए भूमि संसाधन मॉडल

सरकार पीपीपी (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल के तहत मलिन बस्तियों को पुनर्विकसित करेगी। इसके लिए भूमि को संसाधन के रूप में उपयोग किया जाएगा, जिससे निम्न और मध्यम आय वर्ग के लिए भी घर बनाए जा सकें। क्रॉस-सब्सिडी मॉडल के तहत, व्यावसायिक इकाइयों और मिश्रित आवास परियोजनाओं के जरिए इस योजना को आर्थिक रूप से संतुलित किया जाएगा।

योजना के तहत सिर्फ घर ही नहीं, बल्कि हर मौसम अनुकूल आवासों के साथ सड़क, जल आपूर्ति, सीवरेज, पार्क, आंगनवाड़ी, प्राथमिक विद्यालय और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जैसी बुनियादी सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी। सरकार ने इस बात को सुनिश्चित करने का निर्णय लिया है कि सभी पात्र परिवारों को जरूरी नागरिक सुविधाओं के साथ घर मिले।

ड्रोन नीति-2025

मध्यप्रदेश सरकार ने ड्रोन तकनीक को प्रोत्साहित करने और इसे विभिन्न क्षेत्रों में उपयोग में लाने के लिए “मध्यप्रदेश ड्रोन संवर्धन एवं उपयोग नीति-2025” को मंजूरी दी है। इस नीति का उद्देश्य राज्य को ड्रोन टेक्नोलॉजी में अग्रणी बनाना और निवेश आकर्षित करना है।

कृषि क्षेत्र में ड्रोन का उपयोग फसल निगरानी, सिंचाई प्रबंधन और कीटनाशकों के छिड़काव में किया जाएगा, जिससे किसानों को अधिक उत्पादन और संसाधनों की बचत का लाभ मिलेगा।

आपदा प्रबंधन में ड्रोन तकनीक का विशेष रूप से उपयोग किया जाएगा, जिससे राहत और बचाव कार्यों को तेजी से अंजाम दिया जा सकेगा। इसके अलावा, पर्यावरण संरक्षण के लिए ड्रोन का उपयोग वन्यजीवों की निगरानी, अवैध कटाई की रोकथाम और प्रदूषण नियंत्रण में किया जाएगा।

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