पशुपालन (Animal Husbandry)

पशुओं में होने वाले रोगों के रोकथाम एवं नियंत्रण पर सतर्क पशुपालन विभाग

एवियन इन्फ्लुएंजा,ग्लैंडर्स,अफ्रीकन स्वाइन फीवर एवं लम्पी जैसे रोगों के रोकथाम एवं नियंत्रण पर हुई चर्चा

11 मार्च 2023, भरतपुर: पशुओं में होने वाले रोगों के रोकथाम एवं नियंत्रण पर सतर्क पशुपालन विभाग – राज्य सरकार पशुओं एवं पशुपालकों के कल्याण के लिए संकल्पित है । राज्य सरकार के इस संकल्पना को साकार करने की दृष्टि से पशुपालन विभाग द्वारा निरंतर नित नयी कार्य योजनाओं को संचालित किया जा रहा है । पशुओं में होने वाले रोगों की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए पशुपालन विभाग द्वारा  निरंतर प्रयास किये जा रहे है।

एसकेड (असिस्टेंस टू स्टेट्स फॉर कण्ट्रोल ऑफ़ डिसीस) योजना  के तहत शुक्रवार को  भरतपुर स्थित महात्मा गाँधी पशु चिकित्सा महाविद्यालय में “घरेलु पशुओं में उभरती बिमारियों ” विषय पर  संगोष्ठी का आयोजन किया गया इस मौके पर भरतपुर, सवाई माधोपुर, करौली, धौलपुर ज़िलों से पशु चिकित्सकों ने भाग लिया। इस दौरान संगोष्ठी में मौजूद विषय विशेषज्ञों द्वारा अफ्रीकन स्वाइन फीवर, ग्लैंडर्स, लम्पी, एवियन इन्फ्लुएंजा पशुओं में होने वाले विभिन्न रोगों पर विस्तृत चर्चा की गयी।

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इस मौके पर मौजूद डियूवासु मथुरा के डीन डॉ. पी. के. शुक्ला ने “भारत में पोल्ट्री क्षेत्र में परिदृश्य एवं संभावनाएं ” विषय पर पीपीटी प्रस्तुतीकरण के माध्यम से विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की ।   उन्होंने कहा कि पोल्ट्री क्षेत्र न केवल देश में बल्कि विदेशों में भी उभरता हुआ क्षेत्र है।  उन्होंने कुपोषण की समस्या पर प्रकाश डालते  हुए कहा कि पोल्ट्री के उपयोग से महिलाओं एवं बच्चों में कुपोषण की समस्या को समाप्त किया जा सकता है ।   उन्होंने इस क्षेत्र में व्यवसाय की अपार संभावनाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा की पोल्ट्री के क्षेत्र ने पशुपालकों की आय में संवर्धन के साथ रोजगार के साधन विकसित करने में अहम भूमिका अदा की है. इस मौके पर उन्होंने पोल्ट्री पक्षियों में होने वाले रोगों के निदान एवं नियंत्रण की जानकारी भी प्रस्तुत की।

इस अवसर पर मेजर इफ्तकार अहमद ने अश्व वंशीय पशुओं में ग्लैंडर्स रोग के प्रारम्भिक लक्षण, रोकथाम एवं नियंत्रण विषय पर विस्तार से चर्चा की. उन्होंने कहा की वर्तमान में ग्लैंडर्स रोग का कोई टीका या दवा उपलब्ध नहीं है, अतः बचाव एवं सामाजिक दूरी ही उपचार है।  उन्होंने कहा कि पशु चिकित्सक समय समय पर पशुपालकों को राज्य की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से ऐसे रोगों के प्रति जागरूक करने का कार्य अवश्य करें, ताकि समय रहते ऐसे रोगों पर नियंत्रण किया जा सके साथ ही पशुपालकों को होने वाली हानि से बचाया जा सके।

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इस मौके पर मौजूद कर्नल तेजराम के द्वारा शूकर वंशीय पशुओं में अफ्रीकन स्वाइन फीवर के रोकथाम व नियंत्रण के माध्यमों पर विस्तार से जानकारी प्रस्तुत की गयी ।  वहीं डॉ. मुकेश श्रीवास्तव के द्वारा गौवंश में लम्पी त्वचा रोग के रोकथाम एवं त्वरित इलाज की जानकारी दी गयी।  उन्होंने कहा की पशुपालन विभाग सदैव ही पशुपालकों के कल्याण के लिए कार्यरत  रहता है, इसी क्रम में विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारियों को पशुपालकों को समय पर टीकाकरण एवं पशु चिकित्सकों से संपर्क करने के प्रति जागरूक करना चाहिए ताकि पशुओं एवं पशुपालकों को समय रहते ऐसे रोगों से बचाया जा सके।

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इस मौके पर डॉ. गुलशन कुमार द्वारा पक्षियों में होने वाले एवियन इन्फ्लूएंजा रोग की जानकारी दी गयी वही संगोष्ठी के अंत में अतिरिक्त निदेशक डॉ. नागेश द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया।

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