धान की कटाई के लिए किसान अपनाएं ये स्मार्ट मशीनें, घटेगी मजदूरी और बढ़ेगा मुनाफा
07 अक्टूबर 2025, नई दिल्ली: धान की कटाई के लिए किसान अपनाएं ये स्मार्ट मशीनें, घटेगी मजदूरी और बढ़ेगा मुनाफा – अक्टूबर का महीना शुरू होते ही देशभर के किसानों के लिए धान की कटाई का समय आ जाता है। लेकिन हर साल की तरह इस बार भी कई इलाकों में मजदूरों की कमी और बढ़ती मजदूरी किसानों के सामने बड़ी चुनौती बनकर खड़ी है। धान की कटाई एक मेहनत भरा और समय लेने वाला काम है। पारंपरिक तरीके से खेतों में हसिया से कटाई करने में जहां समय और मेहनत ज्यादा लगती है, वहीं मजदूरी का खर्च भी बढ़ जाता है। ऐसे में आधुनिक कृषि मशीनें किसानों के लिए राहत लेकर आई हैं, जिनसे कटाई का काम आसान, तेज और किफायती हो गया है।
धान की कटाई के लिए उपयोगी आधुनिक मशीनें
धान की कटाई के लिए आज कई प्रकार की मशीनें बाजार में उपलब्ध हैं, जिनमें सबसे लोकप्रिय रीपर मशीन, कंबाइन हार्वेस्टर और मिनी हार्वेस्टर (वॉक-बिहाइंड हार्वेस्टर) शामिल हैं।
रीपर मशीन खेत में खड़ी फसल को तेजी से काटने के लिए जानी जाती है। यह मशीन एक व्यक्ति द्वारा आसानी से चलाई जा सकती है और कम समय में बड़े क्षेत्र की फसल काट सकती है।
वहीं, कंबाइन हार्वेस्टर एक ऐसी आधुनिक मशीन है जो कटाई, दाने निकालना (थ्रेशिंग) और सफाई (क्लीनिंग) – तीनों काम एक साथ करती है। इससे किसानों को फसल काटने के बाद अतिरिक्त श्रम नहीं करना पड़ता। छोटे और सीमांत किसानों के लिए मिनी हार्वेस्टर या वॉक-बिहाइंड हार्वेस्टर एक बेहतरीन विकल्प है। यह हल्की, ईंधन-किफायती और छोटे खेतों में आसानी से काम करने वाली मशीन है।
धान कटाई वाली मशीनों के प्रमुख फायदे
धान की कटाई के लिए मशीनों का उपयोग करने के कई फायदे हैं। सबसे बड़ा लाभ समय और लागत की बचत है। पारंपरिक तरीके से एक एकड़ धान की कटाई में जहां 6–7 घंटे और 6–8 मजदूर लगते हैं, वहीं रीपर मशीन से वही काम सिर्फ 1–1.5 घंटे में एक व्यक्ति कर सकता है।
मशीन से कटाई करने पर फसल की क्वालिटी बेहतर रहती है, क्योंकि दाने झड़ते नहीं और मिट्टी या भूसी की मिलावट बहुत कम होती है। इसके अलावा, मशीन से कटाई करने पर किसान मजदूरी के खर्च से बच सकते हैं और लंबे समय में यह वन टाइम इन्वेस्टमेंट साबित होती है।
रीपर की कीमत और सब्सिडी योजना
रीपर मशीन की कीमत सामान्यत: ₹1.5 लाख से ₹4 लाख तक होती है। यह कीमत मशीन की पावर क्षमता और कंपनी के अनुसार बदलती है। केंद्र और राज्य सरकारें किसानों को आधुनिक मशीनों को अपनाने के लिए कृषि यांत्रिकीकरण योजनाओं के तहत सब्सिडी भी प्रदान करती हैं। कुछ राज्यों में यह सब्सिडी 40% से 50% तक मिलती है।
किसान चाहें तो इन मशीनों का उपयोग खुद की खेती के साथ-साथ दूसरों के खेतों की कटाई कर अतिरिक्त आय भी कमा सकते हैं।
कृषि में तकनीक से बढ़ रही उत्पादकता
धान की कटाई में आधुनिक मशीनों का उपयोग कृषि क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव ला रहा है। इससे न केवल फसल की बर्बादी कम हो रही है, बल्कि कृषि उत्पादकता और किसानों की आय में भी बढ़ोतरी हो रही है।
सरकार भी समय-समय पर किसानों को नई तकनीकों से जोड़ने के लिए प्रशिक्षण शिविर और प्रदर्शन कार्यक्रम आयोजित कर रही है, ताकि छोटे और सीमांत किसान भी इन सुविधाओं का लाभ उठा सकें।
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