सोयाबीन के फूल आने पर फफूंदीजनित रोग फसल को कर रहे नष्ट, कैसे करें नियंत्रण?
09 अगस्त 2023, भोपाल: सोयाबीन के फूल आने पर फफूंदीजनित रोग फसल को कर रहे नष्ट, कैसे करें नियंत्रण? – भारतीय सोयाबीन अनुसन्धान संस्थान- इंदौर द्वारा 7 अगस्त से 13 अगस्त 2023 की अवधि के लिए सोयाबीन कृषकों के लिए उपयोगी सलाह दी गई है।
संस्थान ने बताया हैं कि वर्तमान में सोयाबीन की खेती किये जाने वाले क्षेत्रों में सोयाबीन की फसल फूल आने की अवस्था में है। ऐसे में फसल पर कई प्रकार के कीटों एंव वायरस रोग का प्रकोप देखा जा रहा हैं। अतः कृषकों को सलाह हैं कि वे अपनी सोयाबीन फसल की सतत निगरानी करें तथा फफूंदजनित रोग के लक्षण दिखने पर निम्नानुसार नियंत्रण के उपाय अपनाये।
सोयाबीन फसल में फफूंदजनित रोगों पर जैविक नियंत्रण
कुछ क्षेत्रों में फफूंदजनित रोगों के साथ साथ इल्लियों द्वारा फूलों को खाने के समाचार प्राप्त हुए हैं। अतः कीट एवं रोगों से फसल की सुरक्षा हेतु अनुंशसित कीटनाशकों/फफूंदनाशकों का छिड़काव करें, भले ही सोयाबीन फसल फूल आने की अवस्था में हो।
फफूंदजनित रोगों पर कीटनाशक नियंत्रण
फफूंदजनित रोगों के प्रकोप से सुरक्षा हेतु कृषकों को सलाह हैं कि अपनी फसल पर सुरक्षात्मक रूप से टेबूकोनाजोल 25.9 ई.सी. (625 मिली/हे) या टेबूकोनाझोल 10%+सल्फर 65%WG (1250 ग्राम/हे) या काबेन्डानजम+मेन्कोजेब 63% WP (1250 ग्राम/हे) या नपकोक्सीस्रोनबन 22.52% w/wSC (400 मिली/हे) या फ्लुक्सापाय्रोक्साड 167 g/l + पायरोक्लोस्रोबीन 333 g/l SC (300 ग्रा/हे) या पायरोक्लोस्रोबीन 133 g/l + इनपक्साकोनाजोल 50g/l SE (750 मिली/हे) या में से किसी एक अनुशंसित फफूंदनाशकों का तुरंत छिड़काव करें।
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