भावांतर भुगतान योजना
समर्थन मूल्य पर होगी चना, सरसों, मसूर की खरीदी
(विशेष प्रतिनिधि) भोपाल। दिगदिगंत में भावांतर भुगतान योजना का नगाड़ा पीटने, अपनी पीठ थपथपाने और प्रशंसाओं के प्रायोजित पुल बंधवाने के बाद म.प्र. सरकार इस योजना के भंवर से बड़ी चतुराई से बाहर निकल आई है। केन्द्र सरकार का सहयोग न मिलने और उल्टे समर्थन मूल्य पर ही खरीदी की सलाह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को चुनावी साल में सोचने पर मजबूर कर दिया और मंत्रालय में बनी इस योजना को पूर्ण रूप से न सही, आंशिक तौर पर दाखिल दफ्तर करवा दिया और अफसरों ने भी राहत की सांस ली। |
8 लाख से अधिक किसानों का पंजीयन अब तक 8 लाख 26 हजार से अधिक किसानों का भावांतर भुगतान योजना में पंजीयन किया जा चुका है। यह पंजीयन 18 लाख 44 हजार हेक्टेयर भूमि की फसल के लिये किया गया है। लहसुन का पंजीयन प्रदेश में लहसुन में 20 जिलों में भावांतर भुगतान योजना में पंजीयन किया जा रहा है। लहसुन फसल के लिये नीमच, रतलाम, उज्जैन, मंदसौर, इंदौर, सागर, छिन्दवाड़ा, शिवपुरी, शाजापुर, राजगढ़, छतरपुर, आगर-मालवा, गुना, धार, देवास, सीहोर, रीवा, सतना, भोपाल और जबलपुर जिले में किसानों का पंजीयन किया जा रहा है। लहसुन के लिये पंजीयन का कार्य 31 मार्च तक होगा। ग्रामसभाओं में पंजीयन का कार्य ऑफलाइन किये जाने की व्यवस्था की गई है। |
म.प्र. में फसलों के बंपर उत्पादन का अनुमान (क्षेत्र : लाख हेक्टेयर, उत्पादन : मी. टन, उत्पादकता: किलोग्राम/हे.) |
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फसल | क्षेत्र | उत्पादन | उत्पादकता |
चना | 35.9 | 53.85 | 1500 |
मसूर | 5.96 | 6.79 | 1140 |
सरसों | 7.48 | 9.76 | 1305 |
परन्तु एक माह बाद ही चुनावी वर्ष में हांफती सरकार भावांतर की भंवर से चतुराई पूर्वक बाहर हो गई।

