सन्नाटे में सरकार
(विशेष प्रतिनिधि)
भोपाल। अपनी उपज का बेहतर मूल्य मिलने की मांग को लेकर लगभग एक सप्ताह से म.प्र. के किसान आंदोलनरत हैं। खासकर मालवा क्षेत्र के किसानों में आक्रोश है। मंदसौर में हुई फायरिंग के बाद 6 किसानों की मौत ने आंदोलन को बेकाबू कर दिया है। आंदोलनकारियों ने ट्रक, बस जलाकर मंडियों में भारी तोड़ फोड़ की है। राजमार्ग भी जाम कर दिया गया है। किसानों ने दूध, फल, सब्जी सड़क पर फेंक कर आंदोलन की शुरुआत की थी जो बाद में आगजनी, तोडफ़ोड़, अधिकारियों के साथ मारपीट में बदल गई। कुल मिलाकर धधकते-दहकते म.प्र. में किसान आंदोलन मंदसौर, नीमच, रतलाम, उज्जैन, देवास के बाद शाजापुर, भोपाल, सागर तक पहुंच गया है। वैसे तो छुटपुट घटनाएं तो प्रदेश के अन्य भागों में भी हो रही हैं परन्तु आगजनी की घटनाओं से लोग दहशत में हैं। दूसरी तरफ गोलीकांड के बाद से सरकार सन्नाटे में है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कृषि कैबिनेट की आपात बैठक बुलाई तथा कृषक हित के निर्णय लिये।
मंदसौर कलेक्टर एवं एसपी को बदला गया। घटना की न्यायिक जांच के आदेश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को 1-1 करोड़ एवं नौकरी तथा घायलों को 5-5 लाख रुपये देने की घोषणा की है।
शांति बहाली के लिये मुख्यमंत्री का उपवास
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों को चर्चा के लिये खुला आमंत्रण दिया है। इसके लिये वे भोपाल के भेल दशहरा मैदान में उपवास पर भी बैठे। उन्होंने किसानों से आंदोलन स्थगित करने की भावुक अपील करते हुए कहा कि शांति बहाली के लिये वे उपवास करेंगे।
राहत के उपाय
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