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सरकार बैकफुट पर

भावांतर भुगतान योजना
समर्थन मूल्य पर होगी चना, सरसों, मसूर की खरीदी

(विशेष प्रतिनिधि)

भोपाल। दिगदिगंत में भावांतर भुगतान योजना का नगाड़ा पीटने, अपनी पीठ थपथपाने और प्रशंसाओं के प्रायोजित पुल बंधवाने के बाद म.प्र. सरकार इस योजना के भंवर से बड़ी चतुराई से बाहर निकल आई है। केन्द्र सरकार का सहयोग न मिलने और उल्टे समर्थन मूल्य पर ही खरीदी की सलाह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को चुनावी साल में सोचने पर मजबूर कर दिया और मंत्रालय में बनी इस योजना को पूर्ण रूप से न सही, आंशिक तौर पर दाखिल दफ्तर करवा दिया और अफसरों ने भी राहत की सांस ली।

किसानों को उपज का वाजिब मूल्य दिलाने के लिए प्रतिबद्ध मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गत सप्ताह मंत्रालय में कहा कि मुख्यमंत्री भावांतर भुगतान योजना में अब केवल लहसुन और प्याज की खरीदी होगी, जबकि चना, मसूर और सरसों की उपज भारत सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सूखे के बावजूद इन फसलों का प्रदेश में बंपर उत्पादन हुआ है।
मध्य फरवरी में भोपाल में किसान सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने किसानों से हुंकारे लगवाकर रबी में भी भावांतर योजना जारी करने की मुहर लगवाई। रबी 2017-18 में चना, सरसों, मसूर, प्याज को भावांतर योजना में शामिल किया गया था।
8 लाख से अधिक किसानों का पंजीयन
अब तक 8 लाख 26 हजार से अधिक किसानों का भावांतर भुगतान योजना में पंजीयन किया जा चुका है। यह पंजीयन 18 लाख 44 हजार हेक्टेयर भूमि की फसल के लिये किया गया है।
लहसुन का पंजीयन
प्रदेश में लहसुन में 20 जिलों में भावांतर भुगतान योजना में पंजीयन किया जा रहा है। लहसुन फसल के लिये नीमच, रतलाम, उज्जैन, मंदसौर, इंदौर, सागर, छिन्दवाड़ा, शिवपुरी, शाजापुर, राजगढ़, छतरपुर, आगर-मालवा, गुना, धार, देवास, सीहोर, रीवा, सतना, भोपाल और जबलपुर जिले में किसानों का पंजीयन किया जा रहा है। लहसुन के लिये पंजीयन का कार्य 31 मार्च तक होगा। ग्रामसभाओं में पंजीयन का कार्य ऑफलाइन किये जाने की व्यवस्था की गई है।

 

 म.प्र. में फसलों के बंपर उत्पादन का अनुमान
(क्षेत्र : लाख हेक्टेयर, उत्पादन : मी. टन, उत्पादकता: किलोग्राम/हे.) 
फसल क्षेत्र उत्पादन उत्पादकता
चना 35.9 53.85 1500
मसूर 5.96 6.79 1140
सरसों 7.48 9.76 1305

परन्तु एक माह बाद ही चुनावी वर्ष में हांफती सरकार भावांतर की भंवर से चतुराई पूर्वक बाहर हो गई।

गेंद केन्द्र के पाले में मासूमियत से डाल दी। मुख्यमंत्री के मुताबिक भारत सरकार इस योजना पर सकारात्मक रुख अपनाते हुए पूरे देश में लागू करने पर विचार कर रही है। इसके लिए गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में मंत्री समूह मंत्रणा करेगा और फिर निर्णय लेगा।
भारत सरकार ने इस वर्ष चने का न्यूनतम समर्थन मूल्य 4400 रुपए प्रति क्विंटल, मसूर-4250 और 4400 रु. प्रति क्विंटल रखा है।
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