समाधान -आमतौर पर अलसी की उपज बहुत कम होती है। 300-350 किलो प्रति हेक्टर जो कि विभिन्न कारणों से अन्य फसलों की तुलना में कम है। समय के पूर्व बोआई से कीट प्रकोप अधिक आता है वो एक कारण हो सकता है। आप निम्न उपाय करके अच्छा उत्पादन ले सकते हैं।
- खेत की तैयारी एवं चयन अच्छा हो आमतौर पर सबसे खराब रकबे में इसकी बुआई कर दी जाती है।
- विकसित जातियां जैसे टाईप 337, नीलम, चंबल, एल.सी.54, जवाहर 23, पूसा 2, किरण, जानकी, सुरभि, श्वेता में से कोई एक लगायें। स्थानीय किस्म ना लगायें।
- बुआई का उचित समय अक्टूबर का द्वितीय सप्ताह है।
- बीज 25-30 किलो प्रति हेक्टर पर्याप्त होता है। बीज का उपचार 3 ग्राम थाईरम/किलो बीज का करें।
- कतार से कतार 20-30 से.मी. तथा पौध से पौध 7-10 से.मी. बीज किसी भी स्थिति में 5-7 से.मी. से अधिक गहरा ना जाये।
- अंतरवर्तीय फसल लगायें अलसी,चना 3:1 कतार, अलसी+ सरसो 6:2 कतार अलसी, कुसुम 6:2 कतार अलसी+गेहूं 4:2 कतार उपयुक्त पाये गये हैं।
- वर्षा आधारित खेती में 87 किलो यूरिया, 125 किलो सिंगल सुपर फास्फेट तथा 17 किलो म्यूरेट ऑफ पोटाश बीज के नीचे अवश्य डालें।
- सिंचित अवस्था के174 किलो यूरिया 150 किलो सिंगल सुपर फास्फेट तथा 33 किलो म्यूरेट ऑफ पोटाश/हे.।
- पहली सिंचाई बुआई के 30-40 दिनों बाद तथा दूसरी फूल आने पर बुआई के 75 दिनों बाद दें।
संतोष पारे, करकबेल