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कृषि विज्ञान केन्द्रों के लिए 28 अरब स्वीकृत

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों पर कैबिनेट समिति ने 669 कृषि विज्ञान केन्द्रों एवं 11 कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थानों की वर्ष 2019-20 तक निरंतरता/ सुदृढ़ीकरण प्रस्तावों को मंजूरी दे दी।
इसके साथ ही कृषि विश्वविद्यालयों के विस्तार शिक्षा निदेशालयों और इस योजना से जुड़े सभी विशेष कार्यक्रमों को सहायता देने और 12वीं योजना में पहले ही मंजूर किये जा चुके 76 केवीके की स्थापना करने संबंधी कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग के प्रस्ताव को मंजूर किया गया।
वर्ष 2017 से लेकर वर्ष 2020 तक की अवधि के लिए केवीके योजना का वित्तीय परिव्यय 28 अरब 24 करोड़ रुपये का होगा।
केवीके विभिन्न जिलों में कृषि क्षेत्र में ज्ञान एवं अनुसंधान केन्द्र के रूप में काम करेंगे और प्रौद्योगिकी के उपयोग एवं किसानों के सशक्तिकरण के मॉडलों का निर्माण करेंगे जिससे किसानों की आमदनी दोगुनी करने संबंधी भारत सरकार की पहल को आवश्यक सहायता मिलेगी।
केवीके विशेष कार्यक्रम में नई विस्तार कार्य पद्धतियों एवं अवधारणाओं पोषण-संवेदी कृषि संसाधनों एवं नवाचारों पर एक नेटवर्क परियोजना, जनजातीय क्षेत्रों में ज्ञान प्रणालियों के कार्यक्रम, कृषि में मूल्य संवद्र्धन और प्रौद्योगिकी इन्क्यूबेशन केन्द्र, कृषि नवाचार संसाधन प्रबंधन एवं कृषि प्रौद्योगिकी सूचना केन्द्र की स्थापना शामिल हैं। इसके अलावा वर्षा जल के संचयन, एकीकृत कृषि प्रणाली के प्रसंस्करण, मत्स्य बीज के उत्पादन, आईसीटी आधारित सेवाओं, हरित कृषि और मृदा स्वास्थ्य कार्यक्रम के सुदृढ़ीकरण के लिए भी सहायता दी जाएगी।

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