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रिलायंस फाउण्डेशन की किसानों को सलाह

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  • मौसम पूर्वानुमान एवं वर्तमान में तापमान अधिक होने से ग्रीष्मकालीन फसलों में आवश्यकतानुसार सिंचाई सुबह व शाम के समय करें। खाली खेतों से मिट्टी परीक्षण हेतु मिट्टी के नमूने लें परीक्षण हेतु प्रयोगशाला भेजें।
  • इस समय मूँग, उड़द की फसल में फलियां परिपक्व हो गई हों तो समय-समय पर परिपक्व फलियों की तुड़ाई करते रहें।
  • खरीफ मौसम की फसलों के लिए सामग्री एवं अदानों की भी व्यवस्था करें जैसे खाद, प्रमाणित बीजों, रसायन आदि साथ ही साथ कृषि उपकरणों की देखरेख एवं रखरखाव बरसात पूर्व कर लें।
  • वर्षा आरम्भ होने के बाद ही जैविक खाद, गोबर खाद या केंचुआ खाद को खेत में डालें। तेज धूप में डालने से इसके जीवाणु नष्ट होते हैं।
  • प्लास्टिक मल्चिंग से वर्ष के अधिक तापमान वाले महीनों (मई-जून) में सिंचाई उपरांत खाली पड़े खेत को ढंक देते हैं, और पालीथिन के किनारों को मिट्टी से अच्छी तरह दबा देते हैं। इस तकनीक को मृदा सूर्यीकरण कहते हंै।

उद्यानिकी

  • टमाटर, मिर्च व पपीता में इस समय चुर्रामुर्रा रोग की सम्भावना हो सकती है। अत: चुर्रामुर्रा रोग दिखाई दने पर इसके नियंत्रण हेतु थायोमिथाक्सम 25 डब्लू.जी. 100 ग्राम दवा 500 से 600 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति हेक्टर छिड़काव करें।
  • कद्दूवर्गीय सब्जियों एवं भिंडी की फसल में नींदा नियंत्रण के लिए हाथ से निंदाई करें तथा सफेद मख्खी के नियंत्रण के लिए अनुसंशित कीटनाशक का छिड़काव करें।

पशुपालन

  • दिन के समय पशुओं को छायादार स्थान पर रखें तथा तेज धूप से पशुओं की सुरक्षा करें। पशुओं को साफ एवं ताजा पानी दिन में तीन बार पिलावें, साथ ही साथ हरा चारा दें।

कृषि, पशुपालन, मौसम, स्वास्थ, शिक्षा आदि की जानकारी के लिए जियो चैट डाउनलोड करें-डाउनलोड करने की प्रक्रिया:-

  • गूगल प्ले स्टोर से जियो चैट एप का चयन करें और इंस्टॉल बटन दबाएं।
  • जियो चैट को इंस्टॉल करने के बाद,ओपन बटन दबाएं।
  • उसके बाद चैनल बटन पर क्लिक करें और चैनल Information Services MP का चयन करें।
  • या आप नीचे केQR Code को स्कैन कर, सीधे Information Services MP चैनल का चयन कर सकते हैं।

टोल फ्री नं.18004198800 पर
संपर्क करें सुबह 9.30 से शाम 7.30 बजे तक
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