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11 करोड़ के संकर मक्का बीज से बढ़ेगा उत्पादन

(विशेष प्रतिनिधि)

भोपाल। मध्य प्रदेश में सोयाबीन बीज की बढ़ती किल्लत एवं विगत दो वर्षों से हो रहे नुकसान के चलते किसान का सोयाबीन से मोह भंग हो रहा है, इस कारण अब वह संकर मक्का एवं दलहनी फसल की ओर आकर्षित हो रहा है। इसे देखते हुए सरकार ने राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत खरीफ 2016 में अनुदान पर संकर मक्का बीज वितरण प्रोजेक्ट शुरू किया है जिसमें 11 करोड़ की लागत से 20 जिलों के 89 विकासखंडों के 1 लाख 10 हजार हेक्टेयर में यह कार्यक्रम लिया जाएगा, जिससे किसान अधिक उत्पादन लेकर अपनी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ कर सकें।
जानकारी के मुताबिक प्रोजेक्ट में 89 विकासखंडों के अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के कृषकों को संकर मक्का उत्पादन वृद्धि के लिए उच्च गुणवत्ता का बीज 50 फीसदी अनुदान पर दिया जाएगा। संकर मक्का को बढ़ावा देने के लिए संकर बीज से उत्पादकता में वृद्धि हुई है। इसके फलस्वरूप कृषकों ने संकर मक्का कार्यक्रम अपनाया। वर्ष 2011-12 में मक्का फसल का क्षेत्रफल 8.60 लाख हेक्टेयर एवं उत्पादन 13.24 लाख टन था, वहीं वर्ष 2013-14 में 8.46 लाख हेक्टेयर में उत्पादन 22.24 लाख टन हो गया। यह बढ़ता उत्पादन उपजाऊ किस्म और संकर बीज परिवर्तन से संभव हुआ।

अनुदान

अनुसूचित जाति, जनजाति के कृषकों को संकर मक्का बीज 50 प्रतिशत अनुदान पर मिलेगा। यह बीज राष्ट्रीय बीज निगम या शासकीय संस्थाओं के माध्यम से दिया जाएगा। संकर मक्का बीज प्राप्त करने वाले अनु. जाति, जनजाति के कृषकों को एक हे. में लगने वाले बीज की कुल मात्रा की लागत का 40 प्रतिशत या अधिकतम 1500 रुपये जो भी कम हो अतिरिक्त अनुदान देय होगा।

अनुदान की पात्रता

प्रदेश के अनुसूचित जाति, जनजाति श्रेणी के कृषकों के सभी वर्गों को अधिकतम एक हे. के लिए अनुदान की पात्रता होगी।

उच्च गुणवत्ता का संकर मक्का बीज 50 फीसदी अनुदान पर देने से कृषकों को राहत मिलेगी तथा आदिवासी अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के कृषकों का मक्का के प्रति रुझान बढ़ेगा, जिससे उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि होगी। वैसे भी सरकार ने मक्का के समर्थन मूल्य में 40 रु. प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी की है।

  • मोहनलाल
    संचालक कृषि, म.प्र.
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