प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना
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इस योजना के तहत प्रीमियम क्या होगा?
खरीफ फसलों में – बीमित रकम का 2 प्रतिशत प्रीमियम
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रबी की सभी फसलें- 1.5 प्रतिशत प्रीमियम
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बागवानी फसलों पर सालाना प्रीमियम 5 प्रतिशत
शेष प्रीमियम का भुगतान सरकार द्वारा बीमा कंपनियों को होगा जिसमें केन्द्र व राज्य की बराबर की भागीदारी होगी। इसके अतिरिक्त सब्सिडी की कोई ऊपरी सीमा नहीं होगी।
- 100 प्रतिशत नुकसान पर किसानों को 30 हजार की पूरी दावा राशि मिलेगी।
- प्राकृतिक आपदा के कारण बोनी नहीं कर पाने पर भी पूरी दावा राशि मिलेगी।
योजना के प्रमुख बिन्दु
- बीमा पर कोई सीमा नहीं होगी और इसके कारण दावा राशि में कमी या कटौती भी नहीं होगी।
- जल भराव को स्थानीय जोखिम में शामिल किया गया है।
- फसल कटाई के बाद चक्रवात एवं बेमौसम बारिश का जोखिम भी शामिल किया गया है।
- अब किसानों को बीमित राशि की पूरी रकम के अनुसार पूरा हर्जाना मिल सकेगा।
योजना में निम्न जोखिम कवर किये गये हैं-
- उपज नुकसान के आधार पर – इस योजना में आग लगने के अलावा बिजली गिरने, तूफान, ओला पडऩे, चक्रवात, अंधड़, बवंडर, बाढ़, जल-भराव, जमीन धँसने, सूखा, खराब मौसम, कीट एवं फसल को होने वाली बीमारियाँ आदि जोखिम से फसल को होने वाले नुकसान को शामिल कर एक ऐसा बीमा कवर दिया जायेगा, जिसमें इनसे होने वाले सारे नुकसान से सुरक्षा प्रदान की जायेगी।
- संरक्षित बुआई के आधार पर – अगर बीमित किसान बुआई/रोपाई के लिये खर्च करने के बावजूद खराब मौसम की वजह से बुआई/रोपाई नहीं कर सकते, तो वे बीमित राशि के 25 प्रतिशत तक नुकसान का दावा ले सकेंगे।
- फसल कटाई के बाद खेत में पड़ी हुई फसल को 14 दिन के भीतर चक्रवात और बेमौसम बरसात से नुकसान होने पर भी खेतवार आकलन करके भुगतान किया जाए।
- बीमा की गई फसल की खराब मौसम के कारण बुआई/रोपाई न कर पाने पर, बीमा राशि का 25 फीसदी तक किसान के खाते में सीधे जमा करने का प्रावधान है।