फल पौध रोपण योजना
योजना का उद्देश्य– जिले के फल पौध क्षेत्र में विस्तार एवं फल उत्पादन में वृद्धि करना।
चयनित फसलें– जिले में कृषकों द्वारा ली जा रही फलदार फसलें/ कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर/ ग्वालियर के उद्यानिकी विभाग द्वारा अनुशंसित सभी फलदार फसलें।
योजना का स्वरुप– हितग्राही को कम से कम 1/4 हेक्टर और अधिकतम 4 हेक्टर तक (एक फल) के रोपण पर अनुदान की पात्रता होगी। फलदार फसलों पर स्वयं के साधन से रोपण करने पर एवं बैंक ऋण पर अनुदान देय।
अनुदान की पात्रता– योजना के तहत नाबार्ड/ विभाग द्वारा प्रति हेक्टर निर्धारित लागत मूल्य का 25 प्रतिशत अनुदान देय होगा।
निर्धारित वित्तीय मापदण्ड पर 25 प्रतिशत अनुदान देय का फलवार पत्रक
क्र. | फल |
प्रथम वर्ष | द्वितीय वर्ष | तृतीय वर्ष | योग |
1 | आम | 18000 | 6000 | 6000 | 30000 |
2 | संतरा/ मौसंबी/ नींबू | 18000 | 6000 | 6000 | 30000 |
3 | आंवला | 18000 | 6000 | 6000 | 30000 |
4 | अमरुद | 18000 | 6000 | 6000 | 30000 |
5 | अनार | 18000 | 6000 | 6000 | 30000 |
6 | केला (संकर) | 22500 | 7500 | 0 | 30000 |
7 | केला टिशुकल्चर | 37500 | 12500 | 0 | 50000 |
8 | पपीता | 22500 | 7500 | 0 | 30000 |
1. योजना के तहत कृषक को अधिकतम 2 हैक्टर तक लाभ देने का प्रावधान है, जिसकी न्यूनतम सीमा 0.25 हेक्टर हैं। कृषक को अधिकतम 2 हेैक्टर की सीमा तक खरीफ, रबी एवं जायद में अनुदान का लाभ दिया जा सकेगा।
2. योजनांतर्गत निर्धारित सीमा में उन्नत/ संकर सब्जी बीज की अनुदान राशि पात्रता अनुसार देय होगी।
3. कृषक को नवीन भूमि/ खाद्यान्न फसलों के स्थान पर सब्जी फसल लेने पर अनुदान की पात्रता होगी।
अनुदान की पात्रता
- सामान्य, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्ग के हितग्राहियों को उन्नत/ संकर सब्जी उत्पादन पर आदान सामग्री का 50 प्रतिशत अधिकतम 12500 रु. प्रति हेक्टर जो भी कम होगा, अनुदान देय होगा।
- कंद वाली व्यवसायिक फसलें जैसे-आलू अरबी फसल उत्पादन हेतु अधिकतम 25000 रुपये अनुदान देय होगा।
- सब्जी फसलों के लिये लगने वाली आदान सामग्री के लागत व्यय का निर्धारण संचालनालय स्तर पर गठित समिति करेंगी, जिसमें सदस्य के रुप में कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर/ ग्वालियर उद्यानिकी विभाग के वैज्ञानिक नाबार्ड के प्रतिनिधि एवं राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के सदस्य होंगे।