प्रदेश के विकास के लिये समर्पित नदी के प्रवाह से सरल राजेन्द्र शुक्ल
किसी सदानीर नदी के तट पर खड़े होकर उसके प्रवाह को देखा है आपने….? शांत, निर्मल…. एक ताल में जैसे एक सुर में…..निरन्तर कल-कल कर बहती हुई….एक अलौकिक शांति का अनुभव होता है उस शांति के पीछे सुनाई देता है
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